आज दीवाली के दिन करें केवल इन 12 नामों का जप, और फिर देखिए माता लक्ष्मी का चमत्कार

ब्रह्माण्ड की समस्त सम्पत्तियों का साक्षात् रूप हैं देवी महालक्ष्मी जो स्वयं भगवान श्री नारायण की महाशक्ति एवं संसार की समस्त सम्पत्तियों की स्वामिनी हैं । शास्त्रों के अनुसार अगर कार्तिक मास की अमावस्या के दिन यानी की दीपावली के दिन जो भी मनुष्य माता लक्ष्मी के इन 12 नामों का जप करता हैं, उनके जीवन के अभाव ऐसे दुर हो जाते हैं मानो माता कोई चमत्कार कर रही हो । जाने आखिर वे 12 नाम कौन से हैं जिन्हें इन्द्र सहित अन्य देवता भी जपते हैं ।


माता लक्ष्मी के दो रूप हैं— एक श्रीरूप और लक्ष्मीरूप, दोनों ही रूपों में ये भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं । एक रूप में ये विष्णु जी के वक्ष:स्थल में सदैव निवास करने वाली सच्चिदानन्दमयी लक्ष्मी हैं और दूसरे रूप में भौतिक सम्पत्ति की देवी महालक्ष्मी । भौतिक सम्पत्तिरूप में लक्ष्मी जी कभी भी एक की होकर अर्थात् कहीं भी स्थिर होकर नहीं रहती इसलिए इन्हें सर्वभोग्या, चंचला, चपला और बहुगामिनी भी कहा जाता है ।

 

माता लक्ष्मी अपने पूर्णरूप में वैकुण्ठ में, इन्द्रलोक में स्वर्गलक्ष्मी के नाम से, पाताल में नागलक्ष्मी, राजाओं के यहां राज्यलक्ष्मी, गृहस्थों के यहां गृहलक्ष्मी, व्यापारियों के यहां वाणिज्यलक्ष्मी एवं युद्ध में विजेताओं के यहां विजयलक्ष्मी के रूप में निवास करती हैं । इतना ही नहीं माता लक्ष्मी गौओं में सुरभि रूप में, यज्ञ में दक्षिणा के रूप में, कमलनियों में श्री रूप में एवं चन्द्रमा में शोभा रूप में रहती हैं ।

 

कहा जाता हैं कि इन 12 नामों का जप करने के बाद सबसे पहले भगवान नारायण ने वैकुण्ठ में महालक्ष्मी की पूजा की थी । दूसरी बार ब्रह्माजी ने एवं तीसरी बार स्वयं भगवान शिव ने पूजा की । तभी से तिनों लोकों में भी सभी माता लक्ष्मी की नित्य पूजा करने लगे ।

 

बारह नाम वाला महालक्ष्मी स्तोत्र
दीवाली के दिन पूजन के बाद महालक्ष्मी के द्वादशनाम स्तोत्र के 11 पाठ करने चाहिए। नित्यप्रति भी महालक्ष्मी का पूजन करके उनके 12 नाम वाले स्तोत्र का जप करने से घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होता है।

 

महालक्ष्मी के इन बारह नामों करें जप

 

त्रैलोक्य पूजिते देवि कमले विष्णुवल्लभे ।
यथा त्वं सुस्थिरा कृष्णे तथा भव मयि स्थिरा ।।
ईश्वरी कमला लक्ष्मीश्चला भूतिर्हरिप्रिया ।
पद्मा पद्मालया सम्पद् रमा श्री: पद्मधारिणी ।।
द्वादशैतानि नामानि लक्ष्मीं सम्पूज्य य: पठेत् ।
स्थिरा लक्ष्मीर्भवेत् तस्य पुत्रदारादिभि: सह ।।


अर्थात - 1- ईश्वरी, 2-कमला, 3- लक्ष्मी, 4- चला,
5- भूति, 6- हरिप्रिया, 7- पद्मा, 8- पद्मालया,
9- सम्पत्ति, 10- रमा, 11- श्री, 12- पद्मधारिणी ।।

 

इन नामों को जो भी दिवाली के दिन श्रद्धा पूर्वक जप करता वह मनुष्य स्त्री-पुत्र सहित चिरकाल तक लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करता है ।



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