साल में एक बार इस दिन खुलता है ये मंदिर और उमड़ जाती है भक्तों की भीड़, जानिए मंदिर की खासियत

कार्तिक मास को बारह मासों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ, श्री कार्तिकेय की भी पूजा का विधान माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस माह में कार्तिकेय को भगवान विष्णु द्वारा धर्म मार्ग को प्रबल करने की प्रेरणा दी गई थी। यह माह कार्तिकेय द्वारा की गई साधना का माह माना जाता है, इसलिए इस माह का नाम कार्तिका मास पड़ा। वहीं इस दिन कार्तिकेय मंदिर के द्वार भी खुलते हैं। यह मंदिर सालभर में एक बार सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा के दिन खुलते हैं। भगवान कार्तिकेय का यह अनोखा मंदिर मध्यप्रदेश के ग्वालियर में स्थित है। यह मंदिर करीब 400 साल पुराना देश का इकलौता मंदिर है। मंदिर में सिर्फ कार्तिकेय ही नहीं बल्कि उनके साथ गंगा, यमुना, सस्वती और त्रिवेणी की मूर्तिया भी स्थापित है।

kartikey mandir

कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह चार बजे खुलता है मंदिर

कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंदिर के द्वार सुबह चार बजे खुल जाते हैं। श्रृद्धालु सुबह चार बजे से ही दर्शन के लिए उमड़ पड़ते हैं। मंदिर के पट खुलने के बाद पुजारी भगवान कार्तिकेय का श्रंगार और अभिषेक करते हैं। दर्शन के लिए श्रृद्धालु दूर-दूर से आते हैं और अपनी झोली सुख-समृद्धि के आशीर्वाद से भरकर ले जाते हैं। मंदिर प्रांगण में भगवान कार्तिकेय के साथ इस मंदिर में हनुमान जी, गंगा, जमुना, सरस्वती और लक्ष्मीनारायण आदि मंदिर हैं, इन सभी मंदिरों में तो रोज़ दर्शन किए जाते हैं। लेकिन कार्तिकेय जी के दर्शन सिर्फ पूर्णिमा के दिन ही किए जा सकते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से कार्तिकेय पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन द्वारा विशेष इंतजाम किए जाते हैं।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2FD0r1v
Previous
Next Post »