छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्‍य वाले की इस इच्छा को पूरी होने से कोई नहीं रोक पाता

छठ पर्व पर महिलाओं के साथ-साथ कुछ पुरुष भी यह व्रत रखते हैं, व्रत रखने वाली महिला को परवैतिन कहा जाता है, चार दिन के इस व्रत में व्रती को लगातार उपवास करना होता है । छठ पर्व सूर्य की आराधना का पर्व है और कहा जाता है कि सूर्य की शक्तियों का मुख्य स्रोत उनकी पत्नी ऊषा और प्रत्यूषा हैं, इसलिए छठ में सूर्य के साथ-साथ दोनों शक्तियों की भी संयुक्त आराधना होती है । चौथे दिन सुबह के समय यानि सूर्य की पहली किरण यानि ऊषा और शाम के समय यानि तीसरे दिन सूर्य की अंतिम किरण यानि प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर दोनों का नमन किया जाता है । ऐसा करने से सभी मनोकामना पूरी हो जाती हैं ।

 

इस साल 2018 में 4 दिवसीय छठ पर की शुरूआत 11 नवंबर 2018 दिन रविवार से होगी जो 14 नवंबर 2018 दिन बुधवार को समाप्त होगा । विशेष कर इन तिथियों भगवान सूर्य की सुबह और शाम को दोनों समय पूजा करने और अर्घ्य देने से व्यक्ति संतान प्राप्ति वाली इच्छा को पूरी करते है ।


ये हैं छठ पूजा व्रत के लाभ

1- ऐसे लोग जिनको संतान नहीं हो रही हो या संतान होकर बार बार मर जाती हो तो ऐसे लोगों को छठ पर्व पर सूर्य व्रत जरूर करना चाहिए, निश्चित ही लाभ होता है ।
2- अगर संतान पक्ष से कष्ट हो तो भी छठ पूजा व्रत करना अति लाभदायक माना गया हैं ।
3- अगर किसी को कुष्ठ रोग या पाचन तंत्र की गंभीर समस्या हो तो वे कार्तिक मास में होने वाली छठ व्रत को अवश्य करना चाहिए, शीघ्र लाभ होगा ।
4- जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति ख़राब हो अथवा राज्य पक्ष से समस्या हो ऐसे लोगों को भी इस व्रत को जरूर रखना चाहिए ।

 

छठ पूजा व्रत में ये सावधानियां जरूर रखें

1- इस व्रत में अत्यंत साफ सफाई और सात्विकता का ध्यान रखे ।
2- इसमें आवश्‍यक रूप से सफाई का ख्याल रखें ।
3- घर में अगर एक भी व्यक्ति ने छठ का उपवास रखा है तो बाकी सभी को भी सात्विकता और स्वच्छता का पालन करना ही चाहिए ।
4- व्रत रखने वाले अगर बीमार हो तो कड़ा व्रत बिलकुल भी नहीं करें ।



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