खरमास 16 दिसंबर 2018 से प्रारंभ होकर 14 जनवरी 2019 तक चलेगा । सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करता तो उस अवधि को खरमास या मलमास कहा जाता हैं । वैसो तो कहा जाता हैं कि इस खरमास में कोई भी मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता हैं, और हिन्दू धर्म में लोग इस महीने कोई शुभ कार्य करते भी नहीं । लेकिन विष्णु पुराण के अनुसार यह मास भगवान श्री विष्णु जी को परम प्रिय बताते हुये कहा गया हैं कि जो भी मनुष्य इस खरमास में भगवान श्री विष्णु के इस अद्भुत शक्तिशाली मंत्र का जप पूरे एक माह तक करता हैं उसके जीवन की हर इच्छाएं श्री भगवान की कृपा से पूरे हो जाते हैं ।
शास्त्रों के अनुसार यह पवित्र मंत्र भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण दोनों का मंत्र माना गया हैं । इस मंत्र में दो परंपराएं हैं- एक तो तांत्रिक और दूसरी पुराणिक । तांत्रिक पंरपराये में ऋषि प्रजापति आते है और पुराणिक पंरपरा में देवर्षि ऋषि नारद जी आते हैं, और इन दोनों ने ही इस मंत्र को सर्वोच्च विष्णु मंत्र बताया हैं । शारदा तिलक तन्त्रम कहते है कि ‘देवदर्शन महामंत्र् प्राधन वैष्णवगाम’ बारह वैष्णव मंत्रों में यह मत्रं प्रमुख हैं । इस मंत्र को मुक्ति का मंत्र भी गया हैं । इस मंत्र का वर्णन एवं महत्व श्री विष्णु पुराण में विस्तार से मिलता हैं ।
खरमास में प्रतिदिन गंगाजल मिले जल से स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के प्रिय इस मंत्र का जप तुलसी की माला से एक माह तक रोज ब्राह्ममुहुर्त में करने से भौतिक, अध्यात्मिक एवं अनेक मनोकामनाओं की पूर्ति स्वतः ही हो जाती हैं ।
मंत्र- ।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ।।
भावार्थ-
ओम - ओम यह ब्रंह्माडीय व लौकीक ध्वनि हैं ।
नमो - अभिवादन व नमस्कार ।
भगवते - शक्तिशाली, दयालु व जो दिव्य हैं ।
वासुदेवयः - वासु का अर्थ हैः सभी प्राणियों में जीवन और देवयः का अर्थ हैः ईश्वर । इसका मतलब है कि भगवान (जीवन/प्रकाश) जो सभी प्राणियों का जीवन हैं ।
वासुदेव भगवान- अर्थात् जो वासुदेव भगवान नर में से नारायण बने, उन्हें मैं नमस्कार करता हूँ । जब नारायण हो जाते हैं, तब वासुदेव कहलाते हैं ।
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