
साल का पहला सूर्यग्रहण 5 - 6 जनवरी दिन शनिवार - रविवार को लगने जा रहा हैं । ज्योतिषों के अनुसार यह दिन साल का सबसे बड़ा ऐसा दिन होगा, जिस दिन कई तरह के संयोग बन रहे हैं । यह सूर्य ग्रहण पौष अमावस्या के दिन पड़ रहा है । इस दिन रविवार जो कि सूर्य का ही दिन सूर्यग्रहण लगेगा । यह दिन मंत्र सिद्धि और दान-धर्म के लिए बहुत शुब माना जाता हैं । यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन जिस तरह से ग्रह संयोग बन रहे हैं उस कारण इसका थोड़ा बहुत असर गुप्त रूप से प्रकृति पर होने वाला हैं । ज्योतिषाचार्य पं. प्रह्लाद कुमार पंड्या ने पत्रिका डॉट कॉम को सूर्यग्रहण के बारे में विस्तार से बताया ।
ज्योतिषाचार्य पंड्या ने भारतीय पंचाग के अनुसार बताया की साल 2019 का पहला सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार 5 एवं 6 जनवरी 2019 की रात में लगेगा, चूंकि सूर्यग्रहण हमेशा दिन में ही लगता हैं, और यह साल का पहला सूर्यग्रहण विदेशों में ही दिखाई देगा और रात्रिकाल होने के कारण भारत में नहीं दिखाई देगा, और ना ही इसका प्रभाव भारत में नहीं पड़ेगा । भारतीय समय के अनुसार सूर्यग्रहण 5 जनवरी की आधी रात में शुरू होकर 6 जनवरी को भारत में सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जायेगा । साल 2019 में कुल 5 ग्रहण होंगे । इसके साथ ही इस साल 2019 में इसमें तीन सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण शामिल हैं ।

ग्रहणकाल में इतना जरूर करें
ग्रहण भारत में भले ही दिखाई नहीं दें लेकिन आकाशमंडल में मौजूद अन्य ग्रह इस ग्रहण से अवश्य प्रभावित होंगे और ग्रहों का असर समान रूप से प्रकृति, पर्यावरण और मनुष्यों पर होता है । इसलिए ग्रहणकाल के दौरान सभी राशि वाले जातकों को अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार दान धर्म अवश्य करना चाहिए । इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके गरीबों को भोजन करवाएं, वस्त्र दान करें । नवग्रहों की शांति के लिए नौ तरह के अनाज किसी शिव मंदिर में दान करें । महामृत्युंजय मंत्र की एक माला का जप करते हुए गंगाजल मिले जल से शिवजी का अभिषेक करें । इस दिन पाप कर्म करने से बचें । गर्भवती स्त्रियों के लिए वैसे तो इस ग्रहण में कोई दोष नहीं है लेकिन फिर भी पूरे दिन उस जल का सेवन करें जिसमें तुलसी के पत्ते डले हुए हों । इससे गर्भस्थ शिशु स्वस्थ रहेगा ।
ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा
साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत भूमि में नहीं दिखाई देगा । इस वजह से यहां इसका कोई प्रभाव नहीं माना जाएगा । यह ग्रहण मध्य-पूर्वी चीन, जापान, उत्तरी-दक्षिणी कोरिया, उत्तर-पूर्वी रूस, मध्य-पूर्वी मंगोलिया, प्रशांत महासागर, अलास्का के पश्चिमी तटों पर दिखाई देगा । चूंकि ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए यहां सूतक भी नहीं माना जाएगा । लेकिन ग्रहणकाल में अपने ईष्ट के बीज मंत्र का मानसिक जप अवश्य करें । ऐसा करने से जीवन के सारे दुख दर्द दूर जाते हैं ।
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