ये 10 बातें सफलता की चाह में भटकने वाले को दिखा सकती हैं सही राह- पं. श्रीराम शर्मा आचार्य

मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग के अवतरण के उद्घोषक अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा की ये सुविचार सफलता की चाह में यहां वहां भटकने वाले व्यक्ति के जीवन को सही दिशा धारा दे सकते हैं...


1- प्रत्येक व्यक्ति जो आगे बढ़ने की आकांक्षा रखते हैं, उन्हें यह मानकर चलना चाहिए परमात्मा ने उसे मनुष्य के रूप में इस पृथ्वी पर भेजते समय उसकी चेतना में समस्त संभावनाओं के बीज डाल दिये हैं ।

2- असफलता यह बताती है कि सफलता का प्रयत्न पूरे मन से नहीं किया गया ।

3- केवल वे ही असंभव कार्य को कर सकते हैं जो अदृष्य को भी देख लेते हैं ।

4- मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता आप हैं । जो चाहे वह सब कुछ पा सकता हैं ।

5- इस संसार में प्यार करने लायक़ दो वस्तुएँ हैं-एक दुख और दूसरा श्रम । दुख के बिना हृदय निर्मल नहीं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता ।

 

6- जीवन में दो ही व्यक्ति असफल होते हैं- एक वे जो सोचते हैं पर करते नहीं, दूसरे जो करते हैं पर सोचते नहीं ।

7- अवसर तो सभी को जिन्‍दगी में मिलते हैं, किंतु उनका सही वक्‍त पर सही तरीके से इस्‍तेमाल कुछ ही कर पाते हैं ।

8- बाज़ार में वस्तुओं की कीमत दूसरे लोग निर्धारित करते हैं, पर मनुष्य अपना मूल्यांकन स्वयं करता है और वह अपना जितना मूल्यांकन करता है उससे अधिक सफलता उसे कदपित नहीं मिल पाती ।

9- आशावादी हर कठिनाई में अवसर देखता है, पर निराशावादी प्रत्येक अवसर में कठिनाई ही खोजता है ।

10- सुख में गर्व न करें, दुःख में धैर्य न छोड़ें । बड़प्पन अमीरी में नहीं, ईमानदारी और सज्जनता में सन्निहित है ।



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