श्री हनुमान जी भगवान के बारे में हनुमान चालीसा में गोसाई तुलसीदास जी लिखते हैं कि- दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुह्मरे तेते ।। संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।। अर्थात संसार के कठिन से कठिन कार्य भी हनुमान जी की कृपा होते ही सरल हो जाते हैं, और हनुमान जी की शरण में आने वाले के सारे संकट भी सदैव के लिए दूर हो जाते हैं । श्री महावीर हनुमान जी दिन हीन के उपर कृपा करने के लिए महादानवीर बन जाते हैं । शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर जो कोई भी इस उपाय को करेगा उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जायेगी ।
शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर ताजे 11 फलों (अगर लाल या हरे रंग के फल हो तो अच्छा हैं) को बजरंगबली को एक एक फल ऊँ हनुमते नमः फलम् समर्पयामि बोलते हुये अर्पित करें । फल अर्पित करने के बाद हनुमान जी के सामने खड़े होकर एक बार श्री बजरंग बाण एवं श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें । जो 11 फल हनुमान जी को भेट किये है उनमें से 5 फल वहीं रहने दें एवं 6 फल उठालें और उन्हें अपने हाथों से उन लोगों को खिलायें जो शारीरिक रूप से कोई कार्य नहीं कर सकते । ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा से कुछ ही दिनों में भक्त को स्थाई आय के स्रोत की प्राप्ति हो जाती हैं ।
अगर किसी कार्य में बार बार बाधाएं आ रही हो, लाख कोशिश के बाद भी सफलता नहीं मिल रही हो या फिर किसी को उधार दिया हुआ रूपया पैसा वापस नहीं मिल रहा तो शनिवार के दिन शाम के समये 11 बत्ती वाला आटे का बड़ा सा दीपक जिसमें गाय का घी हो हनुमान जी की प्रतिमा के दाहिने ओर जला दें । इस उपाये को करने के बाद आने वाले 11 दिनों आपकी मनोकामना पूरी हो सकती हैं ।
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