महाशिवरात्रि पर भगवान महादेव की पूजा का सबसे सरल विधान, पढ़े पूरी खबर

महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिवशंकर का सबसे पवित्र दिन है, जो मनुष्य की आत्मा को पावन पुनीत करने का महाव्रत दिन माना जाता है । इस दिन व्रत करने से सभी तरह के पापों का नाश हो जाता है । हिंसक प्रवृत्ति बदल जाती है । महाशिवरात्रि को दिन-रात पूजा का विधान है, जिसमें चार पहर दिन में एवं चार पहर रात दिन में शिवालयों में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक कर बेलपत्र चढ़ाने का विधान हैं । विशेषकर इस दिन चार पहर रात्रि में वेदमंत्र संहिता, रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करना अत शुभ माना गया हैं । जाने महाशिवरात्रि की की जाने वाली सबसे सरल फरलदायनी पूजा विधि ।

 

1- किसी बड़े पात्र में धातु से बने शिवलिंग या मिट्टी से बने शिवलिंग की स्थापना करें । शिम मंदिरों में भी जाकर पूजा की सकती हैं ।
2- सबसे पहले मिट्टी के पात्र में पानी भरकर, ऊपर से बेलपत्र, धतूरे के पुष्प, चावल आदि एक साथ डालकर शिवलिंग पर चढ़ायें ।


3- महाशिवरात्रि को दिन व रात में शिवपुराण का पाठ करना या सुनना चाहिए परम फलदायी होता हैं ।
4- सूर्योदय से पहले ही उत्तर-पूर्व दिशा में पूजन-आरती की तैयारी कर लेनी चाहिए ।
5- पूजा में सरलता से जो भी सामग्री मिल जाए उसी से पूजा की जाती हैं ।


6- कोई सामग्री उपलब्ध न होने पर केवल शुद्ध ताजा जल शिवजी को अर्पित करने पर प्रसन्न हो जाते हैं ।
7- शास्त्रों के अनुसार, शिव को महादेव इसलिए कहा गया है कि वे देवता, दैत्य, मनुष्य, नाग, किन्नर, गंधर्व पशु-पक्षी व समस्त वनस्पति जगत के भी स्वामी हैं ।
8- शिव का एक अर्थ कल्याणकारी भी है, शिव की अराधना से संपूर्ण सृष्टि में अनुशासन, समन्वय और प्रेम भक्ति का संचार होने लगता है ।


9- शिव और शक्ति का सम्मिलित स्वरूप हमारी संस्कृति के विभिन्न आयामों का प्रदर्शक है । हिन्दू धर्म में अधिकांश पर्व-त्यौहार शिव-पार्वती को समर्पित हैं ।
10- शिव' शब्द का अर्थ है ‘कल्याण करने वाला । शिव ही ब्रह्मा हैं, ब्रह्मा ही शिव हैं ।
11- इस दिन व्रत-उपवास रखकर बेलपत्र-जल से शिव की पूजा-अर्चना करके जौ, तिल, खीर और बेलपत्र का हवन करने से समस्त मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं ।



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