बसंत पंचमी- पूजा के बाद इस आरती को करने से मां सरस्वती करती है सदैव रक्षा

विद्या, बुद्धि, और शिक्षा की देवी मां माँ सरस्वती पूजा वंदना का विशेष पर्व होता हैं, इस दिन पूजा करने के बाद माता सरस्वती जी का आरती करने से मां अपने शरणागतों की मनोकामना पूरी करने के साथ यश, कीर्ति प्रदान कर जीवन भर उनकी रक्षा भी करती हैं । पूरे संसार को ज्ञान और बुद्धि‍ देने वाली मां सरस्वती अपने साधकों को अखंड भक्त‍ि का वरदान देती हैं, देवी सरस्वती मन से मोह रूपी अंधकार को हर लेती हैं, गलत रास्ते पर चल रहे लोगों को प्रगति का रास्ता दिखलाती हैं । मां की आरती को उनकी महिमा और प्रसंशा के लिए की जाने वाली सबसे बड़ी स्तुति कहा जाता हैं औऱ इससे वे शीघ्र प्रसन्न भी हो भक्तों के अज्ञान को दूर कर परम प्रकाश से जीवन को जगमगाती है ।

 

ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।
सदूगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ।।
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।।

 

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ।।
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।।

 

चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी ।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।।

 

बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला ।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।।

 

देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।।

 

विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।।

 

धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।।

 

माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे ।
हितकारी सुखकारी ज्ञान भक्ति पावे ॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।।

 

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।।


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