चैत्र नवरात्र के बारे में कहा जाता हैं साक्षात् देवी स्वरूप 2 से लेकर 5 साल तक की छोटी कन्याओं का विशेष पूजन कर अगर इन वस्तुओं को भेंट दिया जाएं तो मां दुर्गा प्रसन्न हो धन का भरपूर भंडार भर देती हैं ।
1- चैत्र नवरात्रि की तृतीया तिथी को- छोटी कन्याओं को स्वादिष्ट मावे की मिठाई, घर पर बनाई गई खीर, हलवा या केशरिया चावल का दान करने से परिवार के सदस्यों में सदैव एकता बनी रहती हैं, एवं सभी मधुर भाषी व्यवहार करते हैं । साथ अन्न की कभी भी कमी नहीं रहती ।
2- चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन छोटी कन्याओं को लाल चुनरी, रूमाल या सामर्थ्य अनुसार पहनने के कोई वस्त्रों का दान करने से जीवन की समस्याओं का निवारण होने लगता है ।
3- चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन कन्याओं को पांच प्रकार की श्रृंगार सामग्री- बिंदिया, चूड़ी, मेहंदी, बालों के लिए क्लिप्स, सुगंधित साबुन, काजल इत्यादि चीजें भेट करने पर देवी मां से सौभाग्य और संतान संबंधी सुख प्राप्त होता है ।
4- चैत्र नवरात्रि के छठवें दिन छोटी-छोटी कन्याओं को खिलौने या खेल, संबंधित सामग्रियों का दान करने से घर के छोटे बच्चे संस्कारवान बनने के साथ जीवन में उच्च योग्यता प्राप्त करते हैं ।
5- चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन मां सरस्वती की कृपा पाने का दिन माना गया है, अगर इस दिन कन्याओं को पढ़ने लिखने की किसी सामग्री का दान का दान करने से जीवन छाये असफलता का अंधेरा खत्म हो सफलता का प्रकाश मिलने लगता हैं ।
6- चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन स्वयं कोई किसी छोटी कन्या का पूर्ण श्रृंगार अपने हाथों से कर उसका पूजन कर, पैरों को गाय के दुध से पखारने के बाद वस्त्र या दक्षिणा देकर उसके घर छोड़ आएं तो जीवन में कभी कभी मान सम्मान औऱ धन की कमी नहीं रहेगी ।
7- चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि यानी की अंतिम दिन कन्याओं को खीर, दूध और आटे से बनी पूरियां खिलाकर उनके पैरों में महावर और हाथों में मेहंदी लगाने से देवी मां की विशेष कृपा होती हैं । ऐसा करने से भविष्य में आक्समिक घटने वाली समस्याओं से रक्षा होती हैं ।
8- कोई भी इस प्रकार चैत्र नवरात्र में छोटी कन्याओं का पूजन कर कुछ भेट करता हैं तो उसे जीवन में कभी भी दुखों का सामना नहीं करना पड़ता है, एवं उनकी खाली झोली भी भर जाती हैं ।
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