चैत्र नवरात्रि होती सबसे अधिक फलदायी, इन नियमों के साथ करें मां दुर्गा की पूजा उपासना

चैत्र नवरात्र को पूजा, उपासना, साधना की दृष्टि से सबसे अधिक फलदायी बताया गया हैं । हिन्दू धर्म के शास्त्रों में छ: ऋतुएँ जिन्हें नारी-रूप में बताया गया हैं, और प्रत्येक ऋतु एक विशेष नवरात्रि के रूप में मनाई जाती है । इनमें चैत्र नवरात्र को शक्ति रूप मां दुर्गा की आराधना के सर्वोपरी माना जाता हैं, इसी के साथ हिन्दू वर्ष का आरंभ भी होता है । जाने इस चैत्र नवरात्र में माता की कृपा पाने के लिए कौन कौन से नियमों का पालन करना चाहिए । इस साल 6 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू होंगे जो 14 अप्रैल तक रहेंगे ।

 

नवरात्र में इन नियमों का पालन करने से माता दुर्गा के अनेक आशीर्वाद मिलते है ।


1- नौ दिनों तक प्रतिदिन सुबह 6 बजे तक स्नान कर ही लेना चाहिए, एवं हर दिन धुले हुए वस्त्रों को ही धारण करें ।
2- दिन में केवल एक बार सात्विक भोजन करना चाहिए ।
3- नौ दिनों तक घर का बना हुआ भोग ही माता रानी को अर्पित करनी चाहिए, ओर अगर संभव नहीं हैं तो दूध और फलों का भोग लगा सकते हैं ।
4- नौ दिनों तक घर के पूजा स्थल एवं नजदीक के मंदिर में सुबह एवं शाम को गाय के घी का दीपक जलायें ।


5- संभव हो तो नौ दिनों तक 7 साल से छोटी दो कन्याओं को फल या अन्य कोई उपहार भेंट, शाम के समय अवश्य करें ।
6- नौ दिनों तक माता के बीज मंत्रों, चालीसा, स्त्रोत आदि जप, पाठ अनिवार्य रूप से करें ।
7- संभव हो नौ दिनों तक गाय के घी का अखण्ड दीपक अवश्य जलाना चाहिए ।
8- दुर्गा सप्तशती या देवी माहात्म्य पारायण कराने से जीवन में उत्कृष्ट प्रगति, समृद्धि और सफलता मिलती हैं ।



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