कहा जाता हैं कि साई बाबा की आराधना करने के लिए ज्यादा दिखावा ये पूजा पाठ की उतनी जरूरत जितनी की श्रद्धा और सुबरी की । जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान साई नाथ को एक फूल भी अर्पित कर देता है उससे भी बाबा प्रसन्न हो जाते हैं । गुरुवार का दिन गुरु के लिए समर्पित माना जाता है, जो भी भक्त साई नाथ को गुरु रूप में मानते वे गुरुवार के दिन सूर्यास्त के समय साई मंदिर में जाकर श्री साई बाबा की इस वंदना को साई के सामने खड़े होकर एक बार सच्ची श्रद्धा से जरूर पढ़ लें फिर देखे साई के चमत्कार से कैसे आपकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं ।
।। ऊँ श्री साई नाथाय नमः ।।
इस वंदना का करें पाठ-
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे,
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे, तुझे गले से लगाएंगे ।
अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे,
अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे, तुझे गले से लगाएंगे ॥
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे......
हैं राम रमिया वो, हैं कृष्ण कन्हैया वो, वही मेरा साईं है ।
सत्कर्म राहों पे चलना सीखते वो, वही जगदीश हैं ।
प्रेम से पुकार तेरे पाप को जलाएंगे, तुझे गले से लगाएंगे ॥
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे......
किरपा की छाया में बिठाएंगे तुझको, कहाँ तुम जावोगे ।
उनकी दया दृष्टि जब जब पड़ेगी तुम यह भव तर जावोगे ।
ऐसा है विशवास मन में ज्योत जगायेंगे, तुझे गले से लगाएंगे ॥
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे......
मुनिओं ने ऋषिओं ने, गुरु शिष्य महिमा का, किया गुणगान है ।
साईं के चरणो में, झुकती सकल सृष्टि, झुके भगवान है ।
महिमा है अपार, सत्य की राह वो दिखलाएंगे, तुझे गले से लगाएंगे ॥
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे......
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