ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव को न्यायाधीश कहा जाता है। कहा जाता है की शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं, अच्छे कर्मों का शुभ फल मिलता है और बुरे कर्मों का बुरा फल। ज्योतिष के अऩुसार जिन जातकों पर शनि की महादशा चलती है या जिन पर शनि की साढ़ेसाती रहती है वे लोग बहुत ही डर जाते हैं लोकिन ऐसा बिलकुल नहीं हैं की इस दौरान शनि जातक को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि इस दौरान यदि शनि की स्थिति आपकी कुंडली में शुभ है तो वे शुभ परिणाम भी दिखाते हैं। मान्यता है कि शनि बहुत ही दयालु भी हैं, यदि कोई उनका विधि-विधान से पूजन न कर पाए और महज दर्शन करे तो उसके सभी दु:ख-दोष दूर हो जाते हैं। तो आइए आपको भारत के कुछ ऐसे चमत्कारी शनि मंदिर बताते हैं जहां शनिदेव स्वयं वास करते हैं। आइए जानते हैं वो प्रसिद्ध मंदिर....
शनि शिंगणापुर
शनि शिंगणापुर धाम देश का सबसे प्रसिद्ध शनि मंदिर है, यहां शनि के प्रति भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है। शनि शिंगणापुर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है। यहां शनि महाराज की कोई मूर्ति नहीं बल्कि एक बड़ा सा काला पत्थर है, जिसे शनि का विग्रह रूप माना जाता है। जो की एक चबुतरे पर स्थापित है। यह गांव एक चमत्कारी गांव में परिवर्तित है और यहां आज भी शनि की माया देखी जा सकती है। जिसके कारण आज भी गांव के घर बिना दरवाजे के है। मान्यताओं के अनुसार यहां कभी चोरी नहीं होती।
शनि मंदिर, कोसीकलां
उत्तर प्रदेश में ब्रजमंडल के कोसीकलां गांव के पास स्थित है। लोगों की मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण ने शनिदेव को दर्शन दिए थे। जिसका वर्णन गीता में मिलता है। इस जगह को लेकर यह भी कहा जाता है की जो भक्त श्रद्धाभक्ति के साथ इस वन की परिक्रमा करता है, उसे भगवान शनि कभी कष्ट नहीं पहुंचाते। जिन लोगों पर शनि का अशुभ प्रभाव हो, वे यदि यहां आकर इस मंदिर के दर्शन करें। भगवान शनि उन्हें कष्टों से राहत प्रदान करते हैं।
शनि मंदिर, उज्जैन
मंदिरों की नगरी उज्जैन शहर में त्रिवेणी संगम के तट पर शनिदेव का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां नवग्रहों का मंदिर है। दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं और शनि कृपा पाते हैं। मान्यताओं के अनुसार यहां मंदिर में शनिदेव के दर्शन मात्र से ही शनि की कुदृष्टि और अन्य ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं। इस मंदिर की स्थापना लगभग दो हजार साल पहले उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने की थी। यह देश का पहला ऐसा मंदिर भी है, जहां शिव के रूप में शनि विराजित हैं।
शनिश्चरा मंदिर, मुरैना
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शनिदेव का बहुत प्राचीन मंदिर है। यहां शनि का एक पिंड मौजूद है, मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी ने इसे लंका से फेंका था, जो यहां आकर गिरा। तभी से भगवान शनि यहां पर विराजमान हैं। यहां शनिदेव को तेल अर्पित करने के बाद गले मिलने की प्रथा भी है। यहां जो भी भक्त आता है, वह बड़े प्यार से शनिदेव से गले मिलकर अपनी तकलीफें उनसे बांटता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से शनि उस व्यक्ति की सारी परेशानियां दूर कर देते हैं।
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