इस शहर में जब चलती है लू, तब यहां मंदिर में ठंड से कांपने लगते हैं श्रद्धालु, जानिए रहस्य

भारत में बहुत से ऐसे मंदिर हैं जो बहुत ही चमत्कारी माने जाते हैं। जिनका रहस्य आज तक ना तो पुरातत्व विभाग जान पाया और ना ही वैज्ञानिक इसकी तह तक जा पाए। ऐसे में भगवान को मानने वाले और ना मानने वाले दोनों लोग इसे भगवान का चमत्कार ही कहते हैं। हालांकि कुछ लोग ऐसे चमत्कारों को अंधविश्वास का नाम भी दे देते हैं, लेकिन कुछ लोग इसे मानते ही हैं। ऐसा ही एक मंदिर उड़ीसा के टिटलागढ़ में स्थापित है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसके मुख्य द्वार में प्रवेश करते ही भक्तों ठंडी का अहसास होने लगता है। मंदिर के बाहर लोगों का गर्मी से चाहे जितना बुरा हाल हो लेकिन मंदिर के अंदर वे गर्मी भूल जाते हैं।

 

shiv parvati mandir titlagarh

मंदिर के दरवाजे बंद करने पर बढ़ जाती है ठंड

मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं तो इन हवाओं से अंदर बहुत ठंडक हो जाती है। वहीं मंदिर के बाहर इतनी गर्मी होती है कि 5 मिनट में आप पसीने से पूरी तरह तर हो जाएं और हो सकता है कि आपको लू लग जाए।

देव प्रतिमाओं से होती है ठंडक

टिटलागढ़ उड़ीसा राज्य का सबसे गर्म क्षेत्र माना जाता है। वहीं इतनी गर्म जगह एक कुम्‍हड़ा पहाड़ पर शिव-पार्वती का मंदिर अपने आप में रहस्यों को समेटे हुए है। पथरीली चट्टानों के चलते यहां पर भयानक गर्मी पड़ती है। लेकिन बावजुद इतनी गर्मी के मंदिर में इस मौसम का कोई असर दिखाई नहीं देता। मंदिर के पुजारियों का कहना है कि यहां स्थापित देव प्रतिमाओं से ही ठंडक आती है। भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की मूर्ती से ठंडी हवा निकलती है, जो पूरे मंदिर परिसर को ठंडा रखती है।

पुजारी बताते हैं कि मंदिर के बाहर के वातावरण में जैसे-जैसे धूप बढ़ती है, वैसे-वैसे मंदिर के अंदर ठंडक बढ़ती जाती है। गर्मियों में मंदिर का तापमान इतना गिर जाता है कि कंबल ओढ़ना पड़ता है।

 

shiv parvati mandir titlagarh

वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए रहस्य

शिव-पार्वती मंदिर मंदिर के बाहर गर्मी का भयानक रूप और मंदिर के अंदर एसी से भी ज्‍यादा ठंड। इस रहस्‍य को जानने के लिए वैज्ञनिकों द्वारा काफी कोशिशें की जा चुकी है। लेकिन आज तक उन्हें कोई परिणाम नहीं मिला। यह बात आज भी रहस्य का विषय बनी हुई है।



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