4 मई दिन शनिवार को शनि अमावस्या है। अगर आपके जीवन में कोई दुख या कष्ट हो तो इ तरह शनि देव की आराधना कर पाएं उनकी कृपा से सभी दुखों से मुक्ति। अगर किसी को कालसर्प दोष की समस्या हो तो वे शनि अमावस्या के दिन ये छोटे मगर बहत ही चमत्कारी उपाय को जरूर करें।
अक्सर लोगों को कालसर्प दोष के कारण अंजाना सा भय एवं कष्ट भी बना रहता है। शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनिचरी अमावस्या कहा जाता है। इस कुछ छोटे-छोटे उपायों को करके सभी तरह की समस्याएं दूर हो जाती है।
1- शनिचरी अमावस्या के दिन किसी प्राचीन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करके शिवलिंग को चंदन युक्त धूप, तेल, सुगंध अथवा इत्र अर्पित करने से कालसर्प दोष से होने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है।
2- यदि किसी व्यक्ति का जन्म राहु के नक्षत्रों आद्रा, स्वाती अथवा शतभिषा में से किसी में हुआ हो तो शनिचरी अमावस्या के दिन पानी वाले 7 नारियल अपने ऊपर से 7 बार उतारकर बहते जल में प्रवाहित कर लें।
3- शनिचरी अमावस्या के दिन राहु काल में सिंह पर विराजमान मां दुर्गा का ध्यान करते हुए एक माला ‘नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय’ का जप किया करें।
4- शनिचरी अमावस्या के दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार, बुध, शुक्र या राहु से संबंधित वस्तुओं जैसे सीसा, सरसों का तेल, तिल, कंबल, मछली, धारदार हथियार, स्वर्ण, नीलवर्ण वस्त्र, गोमेद, सूप, काले रंग के पुष्प, अभ्रक, दक्षिणा आदि किसी सुपात्र व्यक्ति या पंडित को दान करें।
5- शनिचरी अमावस्या के दिन राहु काल में शनिदेव के इस बीज मंत्र ‘ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः’ का शुद्ध उच्चारण करते हुये 108 बार जप करने से कालसर्प दोष से होने वाली परेशानियां दूर होने लगती है।
6- चंदन की माला से शनिचरी अमावस्या के दिन राहू काल में शिव मंदिर में जाकर राहू मंत्र एवं शिव मंत्र का 108+108 बार जप करने से शीघ्र लाभ होता है।
7- शनिचरी अमावस्या के दिन श्री सर्प सूक्त, नव नाम स्तोत्र, नील कंठ स्तोत्र, कालसर्प स्तोत्र, राहु स्तोत्र, राहु-मंगल स्तोत्र, आदि में से किसी एक का भी पाठ करने से काल सर्प या पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
8- शनिचरी अमावस्या के दिन काल सर्प दोष के लिए दूर्वा घास से राहु मंत्र का उच्चारण करते हुये 108 बार हवन करने से अति शीघ्र लाभ होने लगता है।
******
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2PMyu8S
EmoticonEmoticon