मानसून आने से पहले या फिर मौसम के बदलने से पहले मौसम वैज्ञनिक द्वारा पूर्वानुमान लगाया जाता है की अब बारिश होगी या मौसम बदल जाएगा। लेकिन भारत देश में एक ऐसी चमत्कारी जगह है, जहां मानसून आने की सूचना भगवान स्वयं देते हैं। जी हां, आपको जानकर हैरानी हुई होगी लेकिन यह बात सही है। उत्तरप्रदेश के कानपुर में बेहटा गांव स्थित एक मंदिर है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ जी का है। लोगों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है। किसान बुआई और जुताई से पूर्व इस मंदिर में मानसून की जानकारी का इंतजार करते हैं और इसी के आधार पर खेती संबंधी योजना बनाते हैं। तो आइए मंदिर से जुड़े इस चमत्कार के बारे में जानते हैं....
भगवान जगन्नाथ का यह मंदिर कानपुर के घाटमपुर तहसील के बेहटा गांव में स्थित है। मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ उनके बड़े भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा भी विराजमान है। इनके अलावा मंदिर में पद्मनाभ स्वामी भी विराजमान हैं। मंदिर की मान्यता है की मानसून आने से ठीक 15 दिन पहले मंदिर की छत से पानी टपकने लगता है। इसी से आस-पास के लोगों को बारिश के आने का अंदाजा हो जाता है।
यह मंदिर करीब 5 हजार साल पुराना बताया जाता है। स्थानीय लोगों के बताए अनुसार उनके पूर्वजों द्वारा भी मंदिर की छत से टपकने वाली बूंदों द्वारा ही मानसून का पता लगाया जाता था और अब भी इसी के अनुसार मानसून के आने का पता करते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर की छत से टपकने वाली बूंदों के हिसाब से ही बारिश भी होती है। यदि बूंदें कम गिरीं तो यह माना जाता है कि इस बार बारिश भी कम होगी। वहीं इसके विपरित देखें तो यदि ज्यादा बूंदें गिरीं तो बारिश भी अधिक होगी। मंदिर के इस प्रभाव को गांव के आसपास के 50 किलोमीटर के दायरे में देखने को मिलता है।
स्थानीय किसान बताते हैं कि वह अपनी खेती भी मंदिर से गिरने वाली बूंदों के हिसाब से ही करते हैं। इन बूंदों के अनुमान के हिसाब से ही खेतों की जुताई और बुआई का समय निर्धारित किया जाता है। बताया जाता है कि आज तक ऐसा नहीं हुआ कि मानसून आ गया हो और मंदिर से बूंदों के रूप में सूचना न मिली हो। कई बार तो वैज्ञानिकों ने भी मंदिर से गिरने वाली बूंदों की पड़ताल की, लेकिन आज तक किसी को नहीं पता चल सका कि आखिर मंदिर की छत से टपकने वाली बूंदों का राज क्या है और मानसून आने के पहले ही क्यों टपकती हैं।
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