पीएम नरेन्द्र मोदी शनिवार को केरल के गुरुवायूर मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। यहां पर उन्होंने भगवान गुरुवायुरुप्पन की पूजा की। इस मंदिर को दक्षिण का द्वारका कहा जाता है। आइये जानते हैं इस मंदिर की विशेषता...
गुरुवायूर मंदिर को दक्षिण का द्वारका कहा जाता है। इस मंदिर में भगवान गुरुवायुरुप्पन की पूजा होती है। गुरुवायुरुप्पन भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है। इस मंदिर को गुरुवायूर श्रीकृष्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है। गौरतलब है कि द्वारका में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
#WATCH Kerala: Prime Minister Narendra Modi offers prayers at Sri Krishna Temple in Guruvayur of Thrissur. pic.twitter.com/HB98hDQAFk
— ANI (@ANI) June 8, 2019
इस मंदिरा का इतिहाक लगभग 5 हजार साल पुराना है। गुरुवायूर मंदिर देश के प्राचीन मंदिरों में एक है। यहां पुजारी को मेंसाती कहते है। बताया जाता है कि जो 24 घंटे भगवान की सेवा करते हैं, उन्हें मेंसाती कहा जाता है।
भगवान गुरुवायुरुप्पन के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खास तरह का ड्रेस कोड है। पुरुष श्रद्धालुओं को मुंडु नामक पोशाक पहननी पड़ती है। वहीं बच्चों को वेष्टी पहनाई जाती है जबकि औरतों को सिर्फ सूट-सलवार या साड़ी में ही मंदिर में प्रवेश कर सकती है।
गुरुवायूर मंदिर के बारे में एक बात जानकर आपको हैरानी होगी कि यहां सिर्फ और सिर्फ हिन्दू धर्म के लोगों को ही जाने की इजाजत है। इस मंदिर परिसर में दूसरे धर्म के लोगों के घुसने पर सख्त मना है।
बताया जाता है कि भगवान गुरुवायुरुप्पन के दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं को अनाकोट्टा नामक स्थान पर जाना पड़ता है। कहा जाता है कि यह जगह हाथियों के लिए काफी लोकप्रिय है। बताया जाता है कि गुरुवायूर मंदिर से जुड़े हाथियों के यहां रखा जाता है। यहां लगभग 80 हाथियों के रहने की व्यवस्था है।
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