तीर्थ यात्रा का पूर्ण फल तभी मिलता है जब आपने किसी भी आत्मा को जाने-अनजाने में कष्ट ना पहुंचाया हो। आपका आचार, विचार, आहार, व्यवहार और संस्कार शुद्ध और पवित्र हो।
from ज्योतिष http://bit.ly/2X6DsmV
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