सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ का दिन माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। लेकिन एक ऐसा शिव मंदिर भी है जहां सोमवार को नहीं बुधवार को भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है।
उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) की राजधानी लखनऊ में एक शिव मंदिर है, वैसे तो लखनऊ में कई शिव मंदिर है लेकिन इस शिव मंदिर की विशेषता ही अलग है। इस मंदिर की खासियत ये है कि यहां शिवजी की पूजा का बुधवार का विशेष महत्व है। इस मंदिर को बुद्धेश्वर महादेव मंदिर ( Buddheshwar mahadev temple ) के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर लखनऊ ( Lucknow ) के मोहान रोड पर स्थित है। मंदिर के बारे में बताया जाता है कि इस मंदिर की स्थापना भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण ने की थी। आर्थात यह त्रेतायुग में निर्मित है।
बुद्धेश्वर नाम कैसे पड़ा?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम के आदेश पर लक्ष्मण माता सीता को वन से छोड़ने जा रहे थे तब उन्हें माता सीता की सुरक्षा को लेकर चिंता होने लगी। कहा जाता है कि लक्ष्मण ने इस स्थान पर भगवान शिव का ध्यान किया। उसके बाद भगवान भोलेनाथ प्रकट होकर लक्ष्मण को दर्शन दिये और माता सीता के विराट स्वरूप का दर्शन कराया। बताया जाता है कि जिस दिन भगवान शिव ने लक्ष्मण को दर्शन दिये थे उस दिन बुधवार था। यही कारण है कि यहा स्थापित शिवलिंग को बुद्धेश्वर महादेव ( Buddheshwar mahadev ) के नाम से जाना जाता है।
मंदिर के बगल में है सीता कुंड
पौराणिक कथा के अनुसार, जब लक्ष्मण भगवान शिव की साधना कर रहे थे तब माता सीता यहां पर स्थित कुंड में हाथ-पैर धोकर कुछ समय अराम किया था। उसी वक्त से इस कुंड का नाम सीता कुंड पड़ गया। यहां आने वाले शिव भक्त पहले बुद्धेश्वर महादेव का दर्शन करते हैं फिर सीता कुंड का भी पूजन करते हैं।
बुधवार को होती है विशेष पूजा
आमतौर पर शिव मंदिरों में सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। लेकिन बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में बुधवार को विशेष पूजा की जाती है। बुधवार को इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु पहंचते हैं और महादेव का दर्शन करते हैं।
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