बहुत ही शुभ और फलदायी है रवि प्रदोष व्रतकथा, प्रदोष के दिन अवश्‍य पढ़ें...

एक गांव में अति दीन ब्राह्मण निवास करता था। उसकी साध्वी स्त्री प्रदोष व्रत किया करती थी। उसे एक ही पुत्ररत्न था। एक समय की बात है, वह पुत्र गंगा स्नान करने के लिए गया।

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