सावन महीने ( sawan month ) में देश के सभी शिवालयों के शिवलिंग ( shivling ) पर जलाभिषेक कर भोलेनाथा को प्रसन्न किया जाता है ताकि भगवान शिव ( Lord Shiva ) जल्द से जल्द मनोकामना पूरी कर दें। लेकिन इस देश में एक ऐसा मंदिर हैं, जहां शिवलिंग पर ना तो जल चढ़ता है, ना ही पूजा की जाती है।
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बताया जाता है कि इस शिवलिंग पर पिछले 10 वर्षों से किसी ने जल नहीं चढ़ाया है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा मंदिर कहां है.. तो हम आपको बताते हैं। यह शिवलिंग देश की राजधानी दिल्ली ( delhi ) से सटे गुरुग्राम ( Gurugram ) के बाघनकी गांव में स्थित है।
आइये अब जानते हैं कि आखिर एक दशक से इस शिवलिंग का पूजन क्यों नहीं किया जा रहा है....
सावन महीना शुरू होने से पहले ही लोगों के चेहर पर खुशियां आ जाती हैं लेकिन यहां पर सावन महीना का नाम सुनते ही मातम पसर जाता है। यहां के लोगों को तो भगवा रंग से भी नफरत हो चुकी है। दरअसल, साल 2009 में इस गांव के 22 युवाओं का जत्था कांवड़ यात्रा पर निकला था। ये सभी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हादसे के शिकार हो गए।
एक साथ गांव पहुंचा था 22 शव
उस दिन को याद कर आज भी गांववालों की आंखों से आंसू गिरने लगते हैं। गांव वाले बताते हैं कि एक साथ गांव में 22 शव पहुंचा था। इस हादसे में 10 परिवारों के चिराग बूझ गए थे। कई महिलाएं विधवा हो गईं। ग्रामीण बताते हैं कि इस हादसे के बाद तो कई ने गांव ही छोड़ दिया था।
शिवलिंग पर कोई नहीं चढ़ाता जल
ग्रामीण बताते हैं कि उस घटना के बाद से ही मंदिर सूना पड़ा है। शिवलिंग पर कोई जल नहीं चढ़ाता है। ना ही इस गांव की महिलाएं शिवरात्रि का व्रत करती हैं। स्थिति ये है कि मंदिर में जंगली घास उग आई है। पिछले 10 साल से शिव मंदिर की साफ-सफाई भी नहीं की गई है।
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