साल में कुल चार नवरात्रि काल होते हैं, एक शारदीय आश्विन एवं दूसरी चैत्र नवरात्र ये दोनों ही मुख्य मानी जाती है। लेकिन इनके अलावा दो और नवरात्रि होती जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है, इन दोनों गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की गुप्त रूप से पूजा की जाती है। इन दोनों गुप्त नवरात्र में की साधना तुरंत फलदायी बताई जाती है। गुप्त नवरात्र आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार, 3 जुलाई से शरू होकर 10 जुलाई 2019 तक रहेगी। इस गुप्त नवरात्र में विशेष रूप से मां दुर्गा के अलावा भी इन देवी-देवता की गुप्त रूप से पूजा की जाती है। जानें क्यों की जाती है मां दुर्गा की गुप्त पूजा।
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इसलिए कहते हैं इसे गुप्त नवरात्र
माघ मास की नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहते हैं, क्योंकि इसमें गुप्त रूप से शिव व महाशक्ति की उपासना की जाती है। जबकि चैत्र एवं शारदीय नवरात्र में सार्वजनिक रूप में माता दुर्गा की पूजा भक्ति की जाती है। शास्त्रों में गुप्त नवरात्र को विशेष रूप से गुप्त सिद्धियों को प्राप्त करने का साधना काल बताया गया है। इनका महत्व जानने वाले साधक गुप्त नवरात्र में गुप्त रूप से विशेष साधना कर अनेक ऋद्दि सिद्धिया प्राप्त करते हैं।
साल के चार नवरात्र
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, एक साल में कुल चार नवरात्र आती है। साल के पहले मास में पहली अर्थात चैत्र नवरात्र, चौथे माह आषाढ़ में दूसरी गुप्त नवरात्र, इसके बाद अश्विन मास में तीसरी प्रमुख आश्विन नवरात्र एवं ग्यारहवें माह अर्थात माघ माह में गुप्त नवरात्र आती है। दोनों गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की सार्वजनिक पूजा उपासना नहीं की जाती, और मां दुर्गा के अलावा भगवान शिव एवं माता पार्वती के अर्धनारीश्वर महाशक्ति रूप की गुप्त रूप से पूजा आराधना की जाती है।
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