जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत वादियों में हैं ये धार्मिक स्थल, एक बार जरूर करें यहां की यात्रा

धरती का स्वर्ग कहलाने वाला जम्मू कश्मीर ( Jammu kashmir ) अपनी खूबसूरती के साथ-साथ हिंदूओं की आस्था का प्रमुख केंद्र भी है। यह राज्य हिंदू धर्म के लिए बहुत खास महत्व रखता है, क्योंकि यहां कई प्रमुख तीर्थस्थल हैं, जिनसे लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। धरती के स्वर्ग जम्मू कश्मीर में भगवान शिव और मां वैष्णों ( vaishno devi ) का वास तो है, लेकिन इसके अलावा भी वहां ऐसे स्थान हैं जिनका बहुत अधिक महत्व है। इस जगहों पर हर साल लाखों की संख्या में श्रृद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं और साथ ही जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत वादियों का आनंद लेते हैं। तो आइए जानते हैं जम्मू कश्मीर की मुख्य धार्मिक जगहों ( dharmik sthal ) के बारे में....

 

jammu kashmir sthal

1. अमरनाथ ( amarnath ) :
अमरनाथ यात्रा का सनातम धर्म में बहुत अधिक महत्व माना जाता है, मान्यताओं के अनुसार यहां भगावन शिव साक्षात विराजमान है। शिव भक्तों के लिए अमरनाथ धाम आस्था का सबसे बड़ा पवित्र तीर्थस्थल है। हर साल यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। गुफा में हर साल बर्फ से नैसर्गिक शिवलिंग का निर्माण होता है। प्राकृतिक हिम से बनने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग और बाबा बर्फानी भी कहा जाता है। कश्मीर में बसी इस जगह पर भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी।

2. महामाया शक्तिपीठ ( mahamaya shaktipeeth ) :
महामाया शक्तिपीठ लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है और यह देवी मां के 51 शक्तिपीठों में से एक प्रमुख माना जाता है। महामाया शक्तिपीठ अमरनाथ गुफा में स्थित है, क्योंकि यहां देवी सती का कंठ यानी गला गिरा था। यहां भगवान शिव के अलावा दो और हिमलिंग बनते हैं। जो एक माता पार्वती का है और दूसरा गणेशजी। यहां माता भगवती की पूरे विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। यहां भगवती के अंग और उनके आभूषणों की पूजा की जाती है।

3. देवी त्रिकूटा ( devi trikuta/vaishno dei ) :
माता वैष्णो देवी हिंदूओं की आस्था का महत्वपूर्ण और प्रमुख केंद्र है। मां वैष्णो कश्मीर के त्रिकुटा पर्वत पर विराजमान हैं। वैष्णो देवी को माता रानी, त्रिकुटा और वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है। यहां लाखों भक्त मां का आशीर्वाद लेने बड़ी संख्या में आते हैं। यहां माता के तीनों रूप महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली यहां पिंडी रूप में विराजमान है। कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से माता की पूजा करता है, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

4. खीर भवानी ( kheer bhawani ) :
खीर भवानी को कश्मीर की देवी कहा जाता है। इस मंदिर में मां खीर भवानी को केवल खीर का ही भोग लगता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि खीर भवानी देवी का परम भक्‍त था। देवी भी उसके जप और तप से प्रसन्‍न रहती थीं। इसके बाद रावण ने सीता का हरण कर लिया, जिससे दुखी होकर यह देवी लंका से कश्‍मीर आ गई थीं। मंदिर में झरना भी है, कहा जाता है कि जब इस क्षेत्र में कोई विपत्ति आने वाली होती है तो यहां के झरने का पानी काला पड़ जाता है।

5. सुद्धमहादेव ( siddhamahadev ) :
जम्मू से 120 किमी की दूरी पर स्थित 1225 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मनोहारी दृश्यों वाला स्थल प्रत्येक पर्यटक तथा तीर्थयात्री को आकर्षित करता है, क्योंकि भगवान शिव-पार्वती के जीवन से जुड़ी कई कथाओं का यह प्रमुख स्थल रहा है। रहने के लिए स्थान तथा सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है।

6. हजरतबल दरगाह ( Hazratbal dargarh ) :
कश्मीर की हजरतबल दरगाह के सौंदर्य और अद्वितीय वास्तुकला का बहुत अधिक महत्व है। कहा जाता है की यहां दरगाह में इस्लाम के नबी, पैग़म्बर मुहम्मद, का एक दाढ़ी का बाल रखा हुआ है, जो की लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। हज़रतबल डल झील की बाई ओर स्थित है और इसे कश्मीर का सबसे पवित्र मुस्लिम तीर्थ माना गया है।

7. जामा मस्जिद ( Jama Masjid ) :
जामा मस्जिद जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर में स्थित में स्थित है। यह मस्जिद कश्मीर शहर की सबसे बड़ी मस्जिद है। कहा जाता है की यह श्रीनगर की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है। श्रीनगर की जामा मस्जिद की वास्तुकला काफ़ी अपना अलग व अद्भुत महत्व है। बताया जाता है की यह मस्जिद इतनी बड़ी है, तीस हज़ार लोग एक-साथ नमाज़ अदा कर सकते हैं। 384 फीट लंबाई और 38 फीट चौड़ाई से बनी यह मस्जिद 1400 ई. में बनवाई गई थी।



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