Khajrana Ganesh Ji Indore : अहिल्या बाई होल्कर की नगरी इन्दौर (मध्यप्रदेश) के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर की महिमा अन्य गणेश मंदिरों से कुछ हट कर ही है। इस मंदिर की पहचान विश्व के प्रसिद्ध हिन्दू मंदिरों जानी जाती है। मान्यता है कि इस मंदिर में जाने वाले भक्त की कोई भी इच्छा अधूरी नहीं रहती। जानें खजराना गणेश मंदिर से जूड़े चमत्कारों का अदभूत रहस्य।
हजारों भक्त करते हैं हर रोज दर्शन
इंदौर के इस प्रमुख खजराना गणेश मंदिर में प्रतिदिन दस हजार (10,000) श्रद्धालु भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति की अर्जी लेकर भगवान श्रीगणेश जी के दरबार में पहुंचकर दर्शन करते हैं। मन्यता है कि इस मंदिर की तीन परिक्रमा करने मात्र से भी कामना पूरी हो जाती है।
उल्टे स्वास्तिक का चमत्कार
इस खजराने गणेश मंदिर की सबसे बड़ी चमत्कारी बात यह है कि जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर यहां जाता उसकी मनोकमना गणपति जी पूरी कर ही देते हैं। यहां की परम्परा है कि जो भी भक्त श्रीगणेश जी के पीठ पर उल्टा स्वास्तिक (सातिया) बनाकर अपनी इच्छा पूरी करने की बात गणेश जी कहता है, कुछ ही दिनों में उनकी इच्छा पूरी हो जाती है। जब मनचाही इच्छा पूरी हो जाती है तो भक्त पुनः उलटे के स्थान पर सीधा स्वास्तिक बना देते हैं।
बुधवार का है बड़ा महत्व
वैसे तो देश के सभी गणेश मंदिरों में प्रति बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा अर्चना होती है लेकिन, खजराना के इस गणेश मंदिर में साल के बारह महीने प्रत्येक बुधवार के दिन हजारों भक्त पूजा अर्चना करने, दर्शन करने के लिए आते हैं। बुधवार के अलावा माह में पड़ने वाली हर चतुर्थी, वार्षिक गणेश चतुर्थी, गणेश उत्सव के अलावा अन्य पर्वो पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है।
सन 1735 में हुआ था निर्माण
महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने इस खजराना गणेश मंदिर का निर्माण सन 1735 में किया था। इस गणेश मंदिर में श्री गणपति जी की मुख्य सिंदूरी मूर्ति के अलावा छोटे-बड़े कुल मिलाकर 33 देवी-देवताओं की मूर्ति भी स्थापित है।
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