जानें, अनंत चतुर्दशी पर क्यों होती है भगवान विष्णु की पूजा

भादो महीने के शुक्ल पक्ष में अनंत चतुर्दशी पड़ती है। इस साल अनंत चतुर्दशी 12 सितंबर ( बुधवार ) को है। हिन्दू धर्म में अनंत चतुर्दशी का खास महत्व है। इसी दिन भगवान श्रीगणेश का विसर्जन बड़ी धूमधाम से किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि अनंत चतुर्दशी पर जो भी भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से करता है, उसके जीवन से सभी संकट दूर हो जाते हैं।

anant_chaturdashi12.jpg

पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत काल में जब युधिष्ठिर जुए में कौरवों से राज्य हार गए थे तब श्रीकृष्ण ने पांडवों को अनंत चतुर्दशी व्रत करने को कहा था। कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों से कहा इस व्रत को करने से हर हाल में राज्य वापस मिल जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण ने बताया कि अनंत श्रीहरि के ही स्वरूप हैं।

anant_chaturdashi1.jpg

व्रत करने के विधान

अनंत चतुर्दशी पर व्रत करने का भी विधान है। इस व्रत में स्नान करने के बाद अक्षत, दूब, शुद्ध रेशम या कपास के सूत से बने और हल्दी से रंगे 14 गांठ के अनंत को सामने रख कर पूजा किया जाता है। पूजा करने के बाद हवन भी किया जाता है। इसके बाद अनंतदेव का ध्यान किया जाता है।

anant_ka_dora.jpg

मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी का व्रत करने वालों को एक समय बिना नमक वाला भोजन करना चाहिए। अगर इस दिन कुछ न खाएं तो और ही शुभ माना जाता है। अनंत चतुर्दशी पर शुभ और सामाजिक कार्यों में भाग लेना चाहिए। कहा जाता है कि जो भी अनंत चतुर्दशी पर विधि-विधान से अनंत देव की पूजा करता है, उस पर श्रीहरि की कृपा बरसती है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2ZZl4ty
Previous
Next Post »