नवरात्रि में दुर्गा ( Navratri ) आराधना का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दौरान लगभग सभी घरों में दुर्गा जी कि पूजा-उपासना की जाती है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई तरह के प्रयास किये जाते हैं। कुछ लोग व्रत रखते हैं, तो कुछ उपवास, वहीं कुछ सिद्धियां प्राप्त करने के लिए तांत्रिक क्रिया करते हैं। माना जाता है कि इस दौरान सभी देवी भक्त मां की भक्ति में लीन रहते हैं। पश्चिम बंगाल में नवरात्रि का पर्व बहुत बड़े स्तर पर मनाया जाता है। दुर्गा पूजा ( Durga puja ) के नाम से यहां नवरात्रि पर्व जोरों-शोरों से मनाते हैं।
नौं दिनों तक मां दुर्गा की आराधना कर भक्त माता से अपनी मनोकामनाएं पूरी का आशीर्वाद पाते हैं। इस बार नवरात्रि 29 सितंबर से शुरु हो रही है, जो कि 7 अक्टूबर तक चलेगी। माना जाता है कि नवरात्रि में मता के नौ स्वरुपों की आराधना के साथ ही देश के ऐसे प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन भी करना चाहिए, जहां मां वैष्णों अलग-अलग रुपों में विराजमान रहती हैं। तो आइए देश के प्रमुख व चमत्कारी दुर्गा मंदिरों के बारे में....
1. वैष्णों देवी, कटरा, जम्मू और कश्मीर
वैष्णों देवी मंदिर का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। हिंदूओं बहुत बड़ा तीर्थ स्थल भी माना जाता है। वैष्णों देवी मंदिर जम्मू में ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। वैष्णों देवी मंदिर में यूं तो साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि में यहां का वातावरण ओर भी भक्तिमय हो जाता है। वैष्णों देवी धाम में माता के तीन स्वरुपों के दर्शन एक साथ होते हैं। ये तीनों रूप पिंडी स्वरूप में हैं और सम्मिलित रूप से वैष्णवी के नाम से जाने जाते हैं।
2. ज्वाला जी मंदिर, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश
देवी मां का यह मंदिर ज्वाला देवी के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर काफी प्रसिद्ध मंदिर है। मां दुर्गा के नौ रुप महाकाली, अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विंध्यावसनी, महालक्ष्मी, सरस्वती अंबिका और अंजीदेवी की ज्योति इस मंदिर में हमेशा जलती रहती है। माना जाता है कि इस मंदिर में नौं रुपों के एक साथ दर्शन मिलते हैं और यही कारण है कि मां को जोता वाली का मंदिर कहा जाता है।
3. मनसा देवी, हरिद्वार, उत्तराखंड
मनसा देवी मंदिर उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित है। मंदिर का नाम मनसा देवी इसलिए पड़ा क्योंकि इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। यहां मंदिर परिसर में मौजूद पेड़ है जिससे लोग अपनी पर मन्नत पूरी करने के लिए धागा बांधते हैं। उसके बाद मन्नत पूरी होने पर भक्त वापस आकर धागे को खोलते हैं।
4. शारदा मंदिर, मैहर, मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के सतना जिले में शारदा देवी का मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में भक्तों को रुकने की अनुमति नहीं है। कहा जाता है कि जो यहां रात को रुकता है उसकी अगले दिन मौत हो जाती है। मंदिर में माता शारदा के साथ-साथ देवी काली, दुर्गा, श्री गौरी शंकर, शेष नाग, श्री काल भैरवी, भगवान, फूलमति माता, ब्रह्म देव, हनुमान जी और जलापा देवी की भी पूजा होती है।
5. करणी माता मंदिर, बीकानेर, राजस्थान
राजस्थान के बीकानेर में करणी माता का मंदिर बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। कहा जाता है कि इस मंदिर में करीब 20 हजार चूहे रहते हैं। मंदिर को चूहों का मंदिर कहा जाता है। यहां करणी माता की प्रतिमा स्थापित है, जिसे मां जगदंबा का अवतार माना जाता है। यहां दर्शन के लिये दूर-दूर से लोग दर्शन के लिये आते हैं।
6. कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी, असम
यह मंदिर एक पहाड़ी पर बना है। दस महाविद्या, काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला की पूजा भी कामाख्या मंदिर परिसर में की जाती है।
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