श्राद्ध पितृ पक्ष की शुरूआत हो चुकी है, सभी अपने-अपने पितरों को तर्पण, पिंडदान आदि श्राद्ध कर्म कर रहे हैं। इस श्राद्ध पक्ष के बारे शास्त्रों में अद्भूत रहस्य मिलता है कि चन्द्रमा पितृ पक्ष के दिनों में अन्य दिनों की अपेक्षा आकाश से धरती के बहुत ही करीब आ जाता है। जानें अद्भूत रहस्य आखिर चन्द्रमा पितृ पक्ष में ही धरती के सबसे करीब होता है।
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पितृ पक्ष
कहा जाता है कि पितृ पक्ष के सोलह दिनों में हमारे दिवंगत पितरों की आत्माएं सुक्ष्म रूप में धरती पर आती है और अपनी संतानों से अपेक्षा करती है कि वे उनके निमित्त कुछ क्रिया कर्म करें जिससे उनकी आत्मा को तृप्ति की प्राप्ति हो। पितृ पक्ष 14 सितंबर से शुरू हो चूका है जो 28 सितंबर 2019 तक चलेगा।
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चन्द्रमा का पितृ पक्ष कनेक्शन
धर्म शास्त्रों के अनुसार, चन्द्रमा के चंद्र लोक को पितृ लोक के नाम से भी जाना जाता है। पितृ पक्ष आश्विनी मास के कृष्ण पक्ष की मृतक तिथि (प्रतिपदा से अमास्या तक) में परिवार के दिवंगत पितरों के श्राद्ध कर्म किया जाता है। शास्त्र के अलावा अब वैज्ञानिकों ने भी शोध कर पाया है कि पितृपक्ष के 16 दिनों में चन्द्रमा साल के अन्य महीनों की तुलना में पृथ्वी के अधिक निकट आ जाता है।
चंद्र लोक की पितृ आत्माएं
कहते हैं कि इस दौरान चन्द्रमा धरती तथा धरती वासियों से आकर्षित होकर धरती के सबसे करीब आ जाता है। ऐसी स्थिति में चन्द्र लोक के ऊपरी भाग में रहने वाली सूक्ष्म शरीर धारी पितरों की आत्माएं भूलोक की संपत्ति से सहज ही श्रद्धा स्वरूप श्राद्ध स्वीकार कर लेती है। जैसे सशक्त रेडियो क्रिस्टल देश देशान्तरों तक की सूचनाओं को खींच सकने में सक्षम होता है उसी तरह की सच्ची श्रद्धा पितरों के प्रति बने तो पितरों का स्नेह, सहयोग और सूक्ष्म मार्गदर्शन प्राप्त होने लगता है।
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