कार्तिक मास में जरुर करें ये काम, धन की कभी नहीं होगी कमी

शास्त्रों में कार्तिक मास को उत्तम माह कहा गया है। इसके बारे में भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं कहा है कि मासों में कार्तिक मास उन्हें सबसे प्रिय है। क्योंकि इस दौरान श्री नारायण धरती पर जल में निवास करते हैं और यही कारण है की कार्तिक स्नान का महत्व बहुत अधिक होता है।

यह महिना मोक्ष प्राप्ति का महिना कहा जाता है क्योंकि इसमें व्रत उपवास व धर्म का पालन करने वाले व्यक्ति को पुण्य प्राप्त होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही ब्रह्म मुहू्र्त में स्नान कर दीप दान करने से सभी तीर्थों में स्नान करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।

 

कार्तिक माह में जरुर करें ये काम

- शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में तुलसी पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि तुलसी में मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा रहती है। इसलिये तुलसी के पौधे की पूजा करें। घर में सुख-शांति और संपन्नता बनी रहती है

- भगवान विष्णु ने स्वयं कुबेर जी से कहा है कि जो भक्त मेरा पूजन और दीप दान करे उसे कभी धन की कमी ना होने देना। इसलिये कार्तिक मास में भगवान विष्णु का स्मरण करके तिल के तेल का दीपक जलाएं।

- कार्तिक मास में जमीन पर बिस्तर लगाकर सोना चाहिएय़ पलंग पर नहीं सोना चाहिए। माना जाता है कि इससे आत्मिक शांति और शुद्धि मिलती है।

- इस पवित्र मास में अन्न व वस्त्र का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस महीने किया गया दान कई जन्मों तक हमें शुभ फल प्रदान करता है।

- उगते सूर्य को जल दें। ऐसी कथा है कि पूर्वजन्म में सत्यभामा के पिता एक ब्राह्मण थे जो नियमित सूर्य को जल और दीप दिखाया करते थे। कार्तिक मास में भी उनका यह क्रम चलता रहता था। इससे अगले जन्म में वह सत्राजित हुए और भगवान श्रीकृष्ण के पिता तुल्य ससुर हुए

- कार्तिक के महीने में मंदिर और नदी के घाटों की सफाई करने वाला व्यक्ति अगले जन्म में बहुत ही धनवान और सुखी होता है। ऐसे धर्मात्मा व्यक्ति की देवता भी आदर करते हैं और वह लोक-परलोक में आदर सम्मान प्राप्त करता है। देवी सत्यभामा को श्रीकृष्ण ने बताया था कि पूर्वजन्म में कार्तिक महीने में मंदिर की सफाई करने की वजह से ही उन्हें धन संपदा का सुख मिला है।

- कार्तिक महीने के स्वामी भगवान कुमार कार्तिकेय हैं इसलिए इस महीने में कुमार कार्तिकेय की भी पूजा करनी चाहिए। इन्हीं के नाम पर इस मास का नाम कार्तिकेय है। इन्होंने इसी महीने में देवताओं का सेनापति बनकर तारकासुर का वध किया था और देवताओं को स्वर्ग दिलाया था।



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