बुधवार का दिन गणेश पूजा के दिल सबसे उत्तम दिन माना जाता है। इस दिन विधिवत गणेश जी की पूजा अर्चना करने एवं उनके सिद्ध मंत्र का जप करने से जपकर्ता की एक दो नहीं बल्कि एक साथ सैकड़ों मनोकामनाएं पूरी होने लगती है। अगर आपके जीवन की इच्छाएं पूरी नहीं हो पा रही हो तो बुधवार के दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कभी भी शुद्ध चित्त होकर इस गणेश मंत्र जप कर लें। विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी आपकी सभी कामनाएं पूरी कर देंगे।
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गणेश मंत्र साधना भारतीय परंपरा के अनुसार किसी भी कार्य का शुभारंभ करने से पूर्व गणपति का स्मरण व पूजन अवश्य किया जाता है, क्योंकि ऐसा करने से उस कार्य में आने वाली समस्या समाप्त हो जाती है, और उक्त कार्य में शीघ्र ही सफलता मिलने लगती है। गणपति का एक विशिष्ट स्वरूप विघ्नहर्ता के रूप में प्रचलित है जो भोग और मोक्ष प्रदान करने वाला और शक्ति के गुणों का साकार स्वरूप माना जाता है। यह रूप सद्गृहस्थ एवं योगी दोनों ही जीवन की समस्त समस्याओं का निराकरण कर देता है। गणेश जी के इस मंत्र का जप प्रति बुधवार 108 बार सुबह एवं 108 बार शाम को करने से जीवन की मनोकामनाएं पूरी होने लगती है।
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गणपति जी की साधना अपने आप में एक श्रेष्ठतम साधना है जो तुरंत फल देने वाली होती है, इनकी साधना को करने से साधक के जीवन की दरिद्रता सदैव के लिए दूर खत्म हो जाती है। गणेश जी का यह मंत्र विशेष रूप से आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है। अगर इस मंत्र का जप हल्दी की माला से किया जाए तो यह मंत्र कुछ ही दिनों में सिद्ध हो जाता है और कामना पूरी करने लगता है।
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इस सिद्ध गणेश मंत्र का जप करें
मंत्र- ।। ऊँ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ।।
उक्त मंत्र का जप करने से पहले विधिवत भगवान गणेश जी का पूजन अवश्य करें।
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