हिन्दू धर्म में प्रत्येक माह में कोई ना कोई व्रत, त्यौहार मनाया ही जाता है लेकिन शास्त्रों में सभी बारह महीनों में कार्तिक का माह अति महत्वपूर्ण महीना बताया जाता है। क्योंकि त्यौहारों के लिहाज से इस महीने में एक के बाद एक कई बड़े-बड़े त्यौहार मनाए जाते हैं। लेकिन शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा बहुत महिमा बताई गई है, अगर इस दिन कोई ये काम कर लें तो उनका सोया हुआ भाग्य जाग जाता है। साल 2019 में कार्तिक पूर्णिमा तिथि 12 नवंबर दिन मंगलवार को है।
[MORE_ADVERTISE1][MORE_ADVERTISE2]शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री नारायण विष्णु जी के इस परम प्रिय व पवित्र कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन ही आदि देव भगवान महादेव ने चहु दिशाओं में आतंक फैला रहे त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर सभी की रक्षा की थी। इसी कारण इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता जाता है। अगर इस दिन कोई गंगा मैया में स्नान करता है तो उसके सभी पापों का नाश होकर उसके भाग्य का उदय प्रारंभ हो जाता है। कोई व्यक्ति किसी समस्या से ग्रसित हो तो उन्हें कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा जी में स्नान जरूर करना चाहिए, उसकी सभी समस्याओं का निराकरण स्वतः ही हो जाता है।
[MORE_ADVERTISE3]अगर कोई गंगा जी में नहीं जा सकते तो वे अपने घर में भी एक खाली बाल्टी में थोड़ा सा गंगाजल व कुशा डाले और फिर उसी में स्नान वाला जल मिलाकर ऊँ गंगाय नमः का 11 बार उच्चारण करते हुए स्नान करें। अगर गंगा नदी में स्नान करे तो स्नान करते समय गंगा मैया से प्रार्थना करे की हे मां मेरे सभी पापों का नाश करे। मेरे जीवन की समस्याओं का निवारण कर दें, एवं मैं निरंतर आने वाली सभी बाधाओं को पार करते हुए नित नई सफलता के मार्ग पर कदम बढ़ाता रहूं, ऐसी कृपा करें। अब स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर गंगा जी का पंचोपचार पूजन भी करें एवं एक दीपक आटे का घी में जलाकर प्रवाहित करते हुए भाव करें की जीवन की सभी बाधायें दूर जा रही है।
इस दिन विष्णु जी की ऐसे पूजा करें
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान श्री विष्णु की विशेष पूजा करने का भी बड़ा महत्व है, इस दिन विष्णुजी को केसर के दूध से स्नान कराकर षोडशोपचार पूजन करने के बाद श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ अवश्य करना चाहिए, ऐसा करने से जीवन में धन, सुख, वैभव, संपत्ति आदि से संबंधित सभी मनोकामना पूरी हो जाती है।
गंगा स्नान के लाभ
कहा जाता हैं कि कार्तिक माह में किए गए दान, व्रत, तप, जप आदि का लाभ आने वाले जीवन के आखरी समय तक मिलता रहता है। इस दिन गंगा स्नान करने जन्मकुंडली में बैठे अशुभ ग्रहों का कोई भी बुरा असर नहीं पड़ता।
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