26 दिसंबर यानी आज वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, सूतक नक्षत्र में पड़ने के कारण यह सूर्य ग्रहण अधिक फलकारी नहीं है। सूतक में पड़ने के कारण सूर्य ग्रहण वलयाकार का माना जाता है। सूर्य ग्रहण के दौरान किये गये कार्य कई शुभ-अशुभ फल देते हैं।
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कुल साढ़े 3 घंटे तक रहने वाले इस ग्रहण की शुरुआत भारत में सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर हुई। सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर एक बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी। आइये जानते हैं कि सूर्य ग्रहण के बाद क्या करना चाहिए।
ग्रहण के बाद, स्नान आदि कर अपने भार का दशम अंश अन्न, किसी गरीब को दान करना चाहिए। पहने हुए कपड़े भी दान कर देना चाहिए।
ग्रहण काल में कोई खाना बना हुआ पड़ा हो तो उसे फेंक देना चाहिए या फिर किसी जानवर को खिला सकते हैं।
स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दिया जलाएं व धूप बाती दिखाएं। कपूर-लोबान जलाकर उसकी धूनी पूरे घर में दिखाएं ताकि किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा वहां से हट जाएं।
इसके बाद गंगा जल के छींटे अपने ऊपर और पूरे घर में छिड़कें।
ग्रहण के बाद गर्भवती महिलाओं की नजर जरूरी उतारनी चाहिए।
ग्रहण के बाद पितरों के नाम से भी दान किया जा सकता है। क्योंकि सूर्य ग्रहण अमवस्या के दिन लगता है और इस दिन पितरों को शांत रखने के उपाय किए जाते हैं।
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