कहीं ऐसे तो शयन (सोते) नहीं करते आप, जानें कब कहां और कैसे सोना चाहिए

हमारे शास्त्रों में मुनष्य की दिन चर्या के बारे में सुबह से लेकर रात्र में सोते तक के नियमों का वर्णन मिलता है। शास्त्रों के अनुसार रात में जब दिनभर की थकान को दूर करने के लिए हम शयन करने जा रहे होते हैं तो कब और कैसे शयन करना चाहिए, कहां शयन करना चाहिए और कहां नहीं। यशस्वी, निरोग और दीर्घायु जीवन के लिए सोते समय इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

 

गीता जयंती पर्व : श्री भगवान के मुख से इस दिन हुआ था श्रीमद्भगवत गीता का जन्म


1- मनुस्मृति में कहा गया है कि सूने तथा निर्जन घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। देव मन्दिर गर्भगृह और श्मशान भूमि में भी नहीं सोना चाहिए।
2- विष्णुस्मृति के अनुसार, किसी सोए हुए मनुष्य को भूलकर भी अचानक नहीं जगाना चाहिए।
3- चाणक्यनीति के अनुसार, विद्यार्थी, नौकर और द्वारपाल यदि ये अधिक समय से सोए हुए हों तो इन्हें समय पर तुरंत जगा देना चाहिए।
4- देवीभागवत एवं पद्मपुराण में कहा गया है कि- स्वस्थ मनुष्य को आयुरक्षा हेतु ब्रह्ममुहुर्त में उठना चाहिए। बिल्कुल अंधेरे कमरे में नहीं सोना चाहिए।
5- अत्रिस्मृति के अनुसार, भीगे (गीले) पैर कभी नहीं सोना चाहिए। सूखे पैर सोने से लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है।

 

मौनी एकादशी: जैन धर्म का मंगलकारी विशेष पर्व मगसिर सुदी ग्यारस

 

6- महाभारत के अनुसार, टूटी खाट पर तथा जूठे मुंह भूलकर भी नहीं सोना चाहिए।
7- गौतम धर्म सूत्र के अनुसार, "नग्न होकर/निर्वस्त्र" नहीं सोना चाहिए।
8- आचारमय़ूख में लिखा है कि- पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से विद्या, पश्चिम की ओर सिर करके सोने से प्रबल चिन्ता, उत्तर की ओर सिर करके सोने से हानि व मृत्यु तथा दक्षिण की ओर सिर करके सोने से धन व आयु की प्राप्ति होती है।
9- दिन में कभी नहीं सोना चाहिए। परन्तु ज्येष्ठ मास में दोपहर के समय 1 मुहूर्त (48 मिनट) के लिए सोया जा सकता है। (दिन में सोने से रोग घेरते हैं तथा आयु का क्षरण होता है)
10- ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार, दिन में तथा सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सोने वाला रोगी और दरिद्र हो जाता है।

 

मार्गशीर्ष की एकादशी को भूलकर भी नहीं करें ये काम नहीं तो...

11- सूर्यास्त के एक प्रहर (लगभग 3 घण्टे) के बाद ही शयन करना चाहिए।
12- बायीं करवट सोना स्वास्थ्य के लिये लाभकारी है।
13- दक्षिण दिशा में पांव करके कभी नहीं सोना चाहिए। यम और दुष्ट देवों का निवास रहता है। कान में हवा भरती है। मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है, स्मृति- भ्रंश, मौत व असंख्य बीमारियां होती है।
14- हृदय पर हाथ रखकर, छत के पाट या बीम के नीचे और पांव पर पांव चढ़ाकर निद्रा न लें।
15- शय्या (पलंग) पर बैठकर खाना-पीना बहुत अशुभ होता है एवं सोते सोते पढ़ने से नेत्र ज्योति घटती है, इसलिए ऐसा नहीं करना चाहिए।
16- माथे पर तिलक लगाकर कभी नहीं लगाकर सोना चाहिए।
***********

कहीं ऐसे तो नहीं शयन (सोते) आप, जानें कब कहां और कैसे सोना चाहिए

from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2sOrCAn
Previous
Next Post »