24 जनवरी दिन शुक्रवार को माघ मास की अमावस्या तिथि है। इस दिन पीपल पेड़ के नीचे कुछ उपायों को करने से व्यक्ति को सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। धर्म शास्त्रों में पीपल वृक्ष की पूजा को बहुत फलदाययी बताया गया है। पीपल वृक्ष में देवी देवताओं का खासकर भगवान श्री विष्णु का वास माना जाता है। अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष की विशेष पूजा करने से सभी संकट दूर होने के साथ धन, समृद्धि, यश, कीर्ति आदि की भी प्राप्ति भी होने लगती है। साथ ही इसकी पूजा से पूर्वज पितृ प्रसन्न व तृप्त होकर सभी मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं।
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अमावस्या पर ऐसे करें पीपल वृक्ष की पूजा
अमावस्या तिथि के दिन सूर्योदय के कुछ समय पूर्व एवं सूर्यास्त के तुरंत बाद अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना से पीपल वृक्ष के पास जाकर पहले सरसों के तेल का एक दीपक व सुंगंधित धुप जलावें, फिर हल्दी, कुमकुम, चावल, पुष्प से पूजन कर शक्कर मिला मीठा जल एक लोटा चढ़ावें। जल चढ़ाने के बाद थोड़ा सा शक्कर या गुड़ का प्रसाद पीपल की जल में चढ़ा दें। अब पीपल पेड़ की 11 परिक्रमा पित्रों का आशीर्वाद प्राप्त हो इस भाव से करें। उक्त क्रम दोनों समय करना है, कुछ ही दिनों में लाभ दिखाई देने लगेगा।
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अमावस्या पर पीपल पूजा के लाभ
1- अमावस्या को पीपल वृक्ष की पूजा करने से अपार सुख समृद्धि मिलती है।
2- अमावस्या के के दिन पीपल वृक्ष की हर रोज विशेष पूजा करने से अपार धन वैभव की प्राप्ति होती है।
3- अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा करने के बाद श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले को घोर संकटो से मुक्ति मिलती है।
4- अमावस्या तिथि पर पीपल के वृक्ष के नीचे मीठा जल चढ़ाने के बाद सरसों के तेल का दीपक जलाकर 7 परिक्रमा करने से मनचाही इच्छा पूरी होती है।
5- अमावस्या तिथि को पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर पंच मेवा (पांच प्रकार की मिठाई) अर्पित करने से पितृ दोष में मुक्ति मिलती है।
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