फुलैरा दूज से गुलरियां बनाकर सुखाई जाती है, मध्यप्रदेश निमाड़ अंचल में इस बड़बुले कहते हैं। जिनमें गोबर से कई प्रकार की आकृतियां बनाकर माला बनाई जाती है। दो दीयों को मिलाकर उसमें कंकड़ डाल कर नारियल बनाया जाता है। उसी तरह पान, बरफी, मठरी, लड्डू सब ...
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