माघ मास की गुप्त नवरात्रि का समापन आज 3 फरवरी को हो रहा है। गुप्त नवरात्रि में साधक अपने कष्टों के निवारण, धन प्राप्ति या अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए गुप्त रूप से माँ दुर्गा के विशेष दस रूपों का पूजा करते हैं। कहा जाता है गुप्त नवरात्र में किया गया मंत्र जप, पूजा उपासना या उपाय किए जाए तो माता रानी प्रसन्न होकर सभी इच्छाएं पूरी करने लगती है।
अगर आपके जीवन में आपकी इच्छित कामनाएं पूरी नहीं हो पा रही हो, समस्याओं से मुक्ति नहीं मिल पा रही हो तो, गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को सूर्यास्त के बाद लाल रंग के आसन पर बैठकर ये उपाय एवं माँ दुर्गा के सिद्ध मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र का जप लाल चंदन की माला से एक हजार बार जप करने से मंत्र सिद्ध होकर जपकर्ता की सभी इच्छाएं पूरी करने लगते हैं।
1- गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को सूर्यास्त के बाद विधिवत पूजा के बाद माँ दुर्गाज को शहद को भोग चांदी के पात्र या पान के पत्ते पर लगावें। ऐसा करने से शीघ्र की जीवन के कष्ट दूर होने लगते हैं।
2- गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को सूर्यास्त के बाद माँ दुर्गा के इस बीज मंत्र "ऊँ दुं दुर्गाय नमः" का जप 551 बार “लाल रंग के कम्बल” के आसन पर बैठकर लाल चंदन की माला से करने पर एक साथ अनेक कामनाएं पूरी होने लगती है।
3- गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को सूर्यास्त के बाद स्थाई धन की प्राप्ति के लिए 11 पान में गुलाब की 7 पंखुरियां रखकर माँ दुर्गा को अर्पित करें।
4- समस्त शत्रुओं से रक्षा की कामना से गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को सूर्यास्त के बाद इस मंत्र का जप रुद्राक्ष की माला से करें।
ऊँ जयन्ती मङ्गलाकाली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
6- गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को सूर्यास्त के बाद दुर्गा पूजन करके, श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने से सभी कार्य सफल होने लगते हैं एवं कार्यों के मार्ग में आने वाली समस्त विघ्न बाधाएं भी दूर हो जाती है।
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