वैदिक ज्योतिष में शुभ समय का निर्धारण तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण के आधार पर किया जाता है, फिर मुहूर्तों ( Astrology Yoga ) का निर्धारण इसी की मदद से होता है। ज्योतिष शास्त्र में इसके लिए पंचांग से इन सारी स्थितियों का विश्लेषण करने के बाद ही निश्चित समय पर निश्चित शुभ या अशुभ समय का ज्ञान होता है।
पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि मुहूर्त किसी कार्य के लिए शुभ व अशुभ समय की अवधि को कहा जाता है। मुहूर्त शास्त्र ( Muhurat ) के अनुसार तिथि, वार, नक्षत्र, योग आदि के संयोग से शुभ या अशुभ योगों ( good and bad yog ) का निर्माण होता है।
इसके तहत जिन मुहूर्तों में शुभ कार्य किए जाते हैं उन्हें शुभ मुहूर्त ( good Muhurat ) कहते हैं। वहीं माना जाता है कि इसके विपरीत अशुभ योगों में किए गए कार्य असफल होते हैं और उनका फल भी अशुभ होता है।
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इन सभी शुभ व अशुभ योगों ( good and bad yog ) का निर्माण तिथियों, वारों व नक्षत्रों के संयोग से होता है और इसके लिए ग्रह दशा भी जिम्मेदार होती है।
दरअसल ज्योतिष विद्या में नौ ग्रहों, 12 राशियों और 27 नक्षत्रों को माना गया है, इसमें सभी की अपनी खासियत होती है। साथ ही सभी ग्रहों का अपने आप में महत्व है, वहीं इन्हीं में कुछ ग्रह नकारात्मक भी होते हैं। इन ग्रहों की दिशा दशा व नक्षत्रों के आधार पर ही ज्योतिष में योगों की गणना की जाती है।
ऐसे समझें: सर्वार्थसिद्धि योग...
सर्वार्थसिद्धि योग एक अत्यंत ही शुभ योग होता है। जो नक्षत्र, तिथि, वार के संयोग से बनता है। यह योग सभी इच्छाओं और मनोकामना को पूरा करने वाला होता है , ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भी कार्य अगर सर्वार्थसिद्धि योग में किया जाये तो कार्य पूर्णरूपेण सफल होता है।
सर्वार्थसिद्धि योग में किसी तरह का करार करना (कॉन्ट्रैक्ट करना ) अच्छा होता है। सर्वार्थसिद्धि योग के प्रभाव से नौकरी परीक्षा, चुनाव, खरीद-बिक्री कार्य में सफलता मिलती है। भूमि खरीदना , रजिस्ट्री करवाना, बयाना देना , महंगे सामान की ख़रीददारी , कपड़े और गहने खरीदना सर्वार्थसिद्धि योग में अत्यंत लाभकारी होता है।
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पर कुछ शुभ कार्य वर्जित भी होते है जैसे विवाह, यात्रा, गृह प्रवेश ये कार्य सर्वार्थसिद्धि योग को देख कर नहीं किया जा सकते। 2020 इन तिथियों में सर्वार्थसिद्धि योग है, आप नीचे दिए सर्वार्थसिद्धि योग में शुभ कार्य कर सकते है।
सर्वार्थसिद्धि योग 2020
दिनांक - दिन - समय ( घंटे मिनट बजे से ) - समय ( घंटे मिनट बजे तक )
26 मार्च 2020 - गुरुवार - 5:59 - 29:58
27 मार्च 2020 - शुक्रवार - 5:58 - 10:09
30 मार्च 2020 - सोमवार - 5:55 - 29:54
02 अप्रैल 2020 - गुरुवार - 5:52 - 29:51
08 अप्रैल 2020 - बुधवार - 5:46 - 6:07
10 अप्रैल 2020 - शुक्रवार - 21:55 - 29:43
12 अप्रैल 2020 - रविवार - 19:13 - 29:41
21 अप्रैल 2020 - मंगलवार - 5:34 - 10:23
23 अप्रैल 2020 - गुरूवार - 5:32 - 16:05
25 अप्रैल 2020 - शनिवार - 20:58 - 29:30
27 अप्रैल 2020 - सोमवार - 5:29 - 24:29
30 अप्रैल 2020 - गुरूवार - 5:27 - 25:53
03 मई 2020 - रविवार - 21:43 - 29:24
08 मई 2020 - शुक्रवार - 8:38 - 29 :20
10 मई 2020 - रविवार - 5:20 - 29 :19
17 मई 2020 - मंगलवार - 19:53 - 19:15
23 मई 2020 — शनिवार - 5:14 - 28:52
25 मई 2020 — सोमवार - 5:13 - 6:10
28 मई 2020 — गुरूवार - 5:12 - 7:27
31 मई 2020 — रविवार - 5:15 - 29:15
04 जून 2020 — गुरूवार - 18 :40 - 29 :11
05 जून 2020 — शुक्रवार - 5:11 - 16:44
07 जून 2020 — रविवार - 5 :11 - 14 :11
14 जून 2020 — रविवार - 5:11 - 24 :22
16 जून 2020 — मंगलवार - 5:11 - 29:12
20 जून 2020 — शनिवार - 5:12 - 12:02
28 जून 2020 — रविवार - 5:15 - 29:15
01 जुलाई 2020 — बुधवार - 26:34 - 29:16
02 जुलाई 2020 — गुरुवार - 5 :16 - 25:14
5 जुलाई 2020 — रविवार - 23 :02 - 29:17
6 जुलाई 2020 — सोमवार - 13:12 - 29:18
12 जुलाई 2020 — रविवार - 5:20 - 8:18 `
14 जुलाई 2020 — मंगलवार - 5:12 - 14:07
15 जुलाई 2020 — बुधवार - 16:43 - 29:22
20 जुलाई 2020 — सोमवार - 21:21 - 29:24
26 जुलाई 2020 — रविवार - 5:26 - 12:37
29 जुलाई 2020 — बुधवार - 8:33 - 29:28
30 जुलाई 2020 — गुरुवार - 5:28 - 7:42
02 अगस्त 2020 — रविवार - 6:52 - 29:30
03 अगस्त 2020 — सोमवार - 7 :19 - 29:31
09 अगस्त 2020 — रविवार - 19:06 - 29:33
12 अगस्त 2020 — मंगलवार - 24:57 - 29:34
13 अगस्त 2020 — बुधवार - 5:34 - 29:35
17 अगस्त 2020 — सोमवार - 6:44 - 29:37
18 अगस्त 2020 — मंगलवार - 5:43 - 28:8
26 अगस्त 2020 — बुधवार - 5:40 - 13:04
30 अगस्त 2020 — रविवार - 5:42 - 13:52
31 अगस्त 2020 — सोमवार - 5:42 - 15:04
04 सितम्बर 2020 — शुक्रवार - 23 :28 - 29:44
06 सितम्बर 2020 — रविवार - 5:44 - 29:24
08 सितम्बर 2020 — मंगलवार - 8:26 - 29:45
09 सितम्बर 2020 — बुधवार - 5:45 - 29:46
13 सितम्बर 2020 — रविवार - 16:34 - 29:47
14 सितम्बर 2020 — सोमवार - 5:47 - 15:29
15 सितम्बर 2020 — मंगलवार - 5:48 - 14:25
19 सितम्बर 2020 — शनिवार - 25:21 - 29:49
21 सितम्बर 2020 — सोमवार - 20:49 - 29:50
26 सितम्बर 2020 — शनिवार - 19 :26 - 29:52
02 अक्टूबर 2020 — शुक्रवार - 5:59 - 29:54
04 अक्टूबर 2020 — रविवार - 5:55 - 11:52
06 अक्टूबर 2020 — मंगलवार - 5:56 - 17:54
07 अक्टूबर 2020 — बुधवार - 5:56 - 29:57
09 अक्टूबर 2020 — शुक्रवार - 24:27 - 29:58
11 अक्टूबर 2020 — रविवार - 5:58 - 25 :11
17 अक्टूबर 2020 — शनिवार - 11:52 - 30:02
19 अक्टूबर 2020 — सोमवार - 6:08 - 27:53
23 अक्टूबर 2020 — शुक्रवार 25 :28 30:05
24 अक्टूबर 2020 — शनिवार - 6:05 - 26:38
29 अक्टूबर 2020 — गुरुवार - 12:00 - 30:08
30 अक्टूबर 2020 — शुक्रवार - 6:08 - 30:09
02 नवंबर 2020 — सोमवार - 23:50 - 30:11
04 नवंबर2020 — बुधवार - 6:12 - 28:52
06 नवंबर 2020 — शुक्रवार - 6:45 - 30:14
08 नवंबर 2020 — रविवार - 6:15 - 8:45
14 नवंबर 2020 — शनिवार - 6:19 - 20:09
16 नवंबर 2020 — सोमवार - 6:20 - 14:37
20 नवंबर 2020 — शुक्रवार - 9:22 - 30:23
21 नवंबर 2020 — शनिवार - 6:23 - 9:53
24 नवंबर 2020 — मंगलवार - 14:32 - 30:26
26 नवंबर 2020 — गुरुवार - 6:27 - 30:28
27 नवंबर 2020 — शुक्रवार - 6:29 - 24:23
30 नवंबर 2020 — सोमवार - 6:30 - 30:30
02 दिसंबर 2020 — बुधवार - 6:31 - 10:38
03 दिसंबर 2020 — गुरुवार - 12:21 - 30:33
04 दिसंबर 2020 — शुक्रवार - 6:33 - 13:39
09 दिसंबर 2020 — बुधवार - 12:33 - 30:36
18 दिसंबर 2020 — शुक्रवार - 6:42 - 19:04
22 दिसंबर 2020 — मंगलवार - 6:44 - 25:37
24 दिसंबर 2020 — गुरूवार - 6:44 - 30:44
28 दिसंबर 2020 — सोमवार - 6:46 - 30:47
31 दिसंबर 2020 — गुरूवार - 6:47 - 30:47
अमृतसिद्धि योग 2020...
अमृतसिद्धि योग एक अत्यंत शुभकारी योग है। यह योग वार और नक्षत्र के संयोग से बनता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह योग बहुत फलदायी माना गया है। कोई भी कार्य इस योग में प्रारम्भ करने पर जरूर सफल होता है , इसीलिए सभी मांगलिक कार्यो के लिए इस योग को महत्वपूर्ण माना गया है।
अमृतसिद्धि योग में कोई भी कार्य प्रारम्भ करना अत्यंत फलदायी होता है जैसे की व्यापार शुरू करना, जमीन खरीदना, नौकरी के लिए आवेदन देना, यात्रा करना, सोना-चांदी खरीदना।
परन्तु कुछ एक कार्य करने से परहेज़ करना चाहिए, यदि अमृतसिद्धि योग कुछ विशेष वार और दिन में आये। जैसे की मंगवार के दिन अगर अमृतसिद्धि योग पड़े तो गृह प्रवेश नही करना चाहिए, इसी तरह अगर यह योग गुरूवार के दिन आ जाए तो विवाह करना अशुभ माना गया है और यदि यह योग शनिवार को पड़े तो यात्रा करना वर्जित होता है। नीचे दिए गए अमृतसिद्धि योग के अनुसार आप अपना कोई भी महत्वपूर्ण कार्य कर सकते है।
अमृतसिद्धि योग 2020
दिनांक - दिन - समय ( घं. मि. बजे से ) - समय ( घं. मि. बजे तक )
02 अप्रैल 2020 - गुरुवार - 19:28 - 29:51
25 अप्रैल 2020 - शनिवार - 20:58 - 29:30
30 अप्रैल 2020 - गुरुवार - 5:27 - 25:53
23 मई 2020 - शनिवार - 5:14 - 28:52
25 मई 2020 - सोमवार - 5:13 - 6:10
28 मई 2020 - गुरुवार - 5:12 - 7:27
31 मई 2020 - रविवार - 27 :01 - 29:11
16 जून 2020 - मंगलवार - 5:11 - 29 :12
20 जून 2020 - शनिवार - 5:12 - 12:02
28 जून 2020 - रविवार - 8:46 - 29:15
01 जुलाई 2020 - बुधवार - 26 :34 - 29:16
14 जुलाई 2020 - मंगलवार - 5:21 - 14:07
26 जुलाई 2020 - रविवार - 5:26 - 12:37
29 जुलाई 2020 - बुधवार - 8:33 - 29:28
26 अगस्त 2020 - बुधवार - 5:40 - 13:04
04 सितम्बर 2020 - शुक्रवार - 23:28 29:44
02 अक्टूबर 2020 - शुक्रवार - 5:57 - 29:54
30 अक्टूबर 2020 - शुक्रवार - 6:08 - 14:57
28 दिसंबर 2020 - सोमवार - 15:40 - 30:49
31 दिसंबर 2020 - गुरुवार - 19:49 - 30:57
पुष्यामृत योग 2020...
जैसे सिंह को सबसे ताकतवर माना जाता है ठीक उसी प्रकार सभी नक्षत्रों को पुष्य नक्षत्र को सबसे बलवान माना जाता है। यही पुष्यामृत योग जब गुरुवार के दिन पड़ता है तो वह अत्यंत ही फलदायी योग होता है। ज्योतिषी शास्त्र के अनुसार यह योग बहुत ही शुभ माना गया है। जब कभी भी किसी शुभ कार्य के लिए कोई मुहूर्त नहीं मिल रहा हो तो इस योग में कोई भी कार्य किया जा सकता है।
पुष्यामृत योग जब गुरुवार को पड़ता है तो उसे गुरु पुष्यामृत योग भी कहते है। इस योग में कोई भी मांगलिक कार्य, या कोई पहले से रुका हुआ कार्य, यात्रा, स्वर्ण खरीदना, जमीन खरीदना स्थायी रूप से फल देने वाला बताया गया है।
कहा जाता है की पुष्य नक्षत्र को एक शाप भी मिला हुआ है , इसी कारण इस योग में विवाह कार्य वर्जित माने गए है। वैसे तो पुष्यामृत योग बहुत ही शुभ होता है परन्तु यही योग अगर बुधवार और शुक्रवार को पड़े तो कोई भी नया कार्य नहीं करना चाहिए। नीचे दिए गए पुष्यामृत योग को आप अपने शुभ कार्यो के लिए प्रयोग में ला सकते है।
पुष्यामृत योग 2020...
दिनांक - दिन - समय ( घं. मि. बजे से ) - समय ( घं. मि. बजे तक )
02 अप्रैल 2020 - गुरुवार - 19:28 - 29:51
03 अप्रैल 2020 - शुक्रवार - 5:51 - 18:41
29 अप्रैल 2020 - बुधवार - 26:02 - 29:27
30 अप्रैल 2020 - गुरुवार - 5:27 - 25:53
27 मई 2020 - बुधवार - 7:28 - 29:21
28 मई 2020 - गुरुवार - 5:12 - 7:27
23 जून 2020 - मंगलवार - 13:33 - 29:13
24 जून 2020 - बुधवार - 5:13 - 13:10
20 जुलाई 2020 - सोमवार - 21:21 - 29:24
21 जुलाई 2020 - मंगलवार - 5:24 - 20:30
17 अगस्त 2020 - सोमवार - 6:44 - 29:37
13 सितम्बर 2020 - रविवार - 16:34 - 29:47
14 सितम्बर 2020 - सोमवार - 5:49 - 15:52
10 अक्टूबर 2020 - शनिवार - 25:18 - 29:58
11 अक्टूबर 2020 - रविवार - 5:58 - 25:29
07 नवम्बर 2020 - शनिवार - 8:05 - 30:15
08 नवंबर 2020 - रविवार - 6:15 - 8:45
04 दिसंबर 2020 - शुक्रवार - 13 :39 - 30:33
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