चैत्र नवरात्रि में माँ दुर्गा की तरह-तरह के विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि काल में माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। माँ भगवती दुर्गा की शरण में जाने वाला कभी खाली हाथ नहीं लौटता। अगर माँ जगदंबा की विशेष कृपा चाहते हो तो नवरात्रि काल में माता के इन सिद्ध तंत्र मंत्रों में से किसी भी एक का जप करने से मंत्र का जप करने वाला का भाग्य़ बदलने में देर नहीं होती।
माता के ये तांत्रिक मंत्र अति चमत्कारी महामंत्र कहलाते हैं जो सभी प्रकार की सिद्धिः प्रदान करने में सक्षम होते हैं। शास्त्रों में इन्हें माँ दुर्गा के प्रभावी और गुप्त मंत्रों की संज्ञा दी गई है, जो सभी मनवांछित इच्छाओं को पूरा करने में समर्थ माने गए है। इन शक्तिशाली मंत्रों का निर्धारित संख्या में जप के बाद दुर्गासप्ती का पाठ आवश्यक कहा गया है। नवरात्रि के दिनों में पूरे 9 दिनों तक प्रतिदिन कम से कम 1100 मंत्र एवं अधिक से अधिक 3000 हजार मंत्रों का जप करना चाहिए।
माँ दुर्गा के सिद्ध चमत्कारी तांत्रिक मंत्र
1- ॐ ह्रींग डुंग दुर्गायै नमः।
2- "ॐ अंग ह्रींग क्लींग चामुण्डायै विच्चे।
3- सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
उपरोक्त मंत्रों के अलावा नीचे दिये गये मंत्रों का जप करने से जिस चीज की कामना की जाती हैं हर शीघ्र पूरी हो जाती है-
1- गौरी मंत्र- इन दो मंत्रों में से किसी एक मंत्र का 1100 बार जप करने से योग्य जीवन साथी की प्राप्ति होती है।
मंत्र-
- हे गौरी शंकरधंगी, यथा तवं शंकरप्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्तकान्तम् सुदुर्लभं।।
- पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥
2- धन प्राप्त करने के लिए 9 दिनों तक श्रद्धा पूर्वक इस मंत्र का जप करने साधक शीघ्र ही धनवान बन जाता है।
मंत्र-
ॐ दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:, स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या, सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता॥
3- जाने अंजाने में हुए पापों के दुष्फल से बचने के लिए इस मंत्र का एक हजार बार जप करने सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।
मंत्र
हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत्।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योऽन: सुतानिव॥
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