शनिवार 21 मार्च को शनि प्रदोष व्रत का दिन है। इस दिन व्रत रखकर शिवजी की प्रदोष काल में विशेष पूजा करने से अनेक कामनाएं स्वतः ही पूरी होने लगती है। शनिवार के दिन प्रदोष काल में ऐसे करें फलदायी शिव पूजा, प्रसन्न हो जाएंगे भगवान महादेव।
शुक्रवार भूलकर भी न करें ये काम, नाराज हो सकती है धन की देवी
हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार अनेक व्रतों में प्रदोष व्रत को सबसे प्रथम स्थान प्राप्त है। प्रदोष वाले दिन व्रत रखकर प्रदोष काल में शिव पूजा अर्चना करने से मनुष्य जीवन में हुए ज्ञात-अज्ञात पुराने से पुराने पाप कर्मों से मूक्ति मिल जाती है और कामनाएं पूरी होने लगती है।
शनि प्रदोष के दिन व्रत रखकर शाम को प्रदोष काल में स्नान करके धुले हुए वस्त्र धारण कर लें। अब घर पर ही या किसी शिवालय में जाकर एक कुशा के आसन पर बैठकर शिवजी का विधिवत आवाहन व षोडशोपचार पूजन करें। शिवजी को श्रीफल एवं बेलपत्र भी चढ़ावें।
चैत्र नवरात्रि : 2020 में इस सिद्ध योग में होगी माँ दुर्गा की पूजा आराधना
प्रदोष काल में विधिवत पूजा अर्चना के बाद रुद्राक्ष की माला से 108 बार "ऊँ नमः शिवाय" मंत्र का जप करें। मंत्र जप पूरा होने के बाद भगवान शंकर जी से अपनी मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करें। भगवान को लगाएं हुए भोग प्रसाद को सभी में बांटे एवं स्वयं भी ग्रहण करें। कहा जाता है कि उपरोक्त विधि से प्रदोष काल में पूजा करने से व्रती की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
प्रदोष व्रत पूजा
1- जीवन के सभी पापों के नाश के लिए प्रदोष व्रत अवश्य करें।
2- गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करें।
3- 108 बिना खंडित बेलपत्र, धुप-दीप, चंदन, पुष्प आदि अर्पित करें।
4- पूजा करने के बाद ऋतुफल का भोग शिवजी को लगायें, एक श्रीफल भेट करने के बाद दण्वत प्रणाम करते हुए सभी पाप कर्मों की मुक्ति की प्रार्थना भी करें।
5- इस दिन सूर्यास्त के समय किसी शिव मंदिर में जाकर 251 बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
6- पूजन के बाद मंदिर से बाहर निकले पर कोई दरिद्र मिल जाये तो उन्हें कुछ न कुछ दान अवश्य करें। इससे आपकी मनोकामनाएं भी पूरी जाती है।
7- प्रदोष व्रत करने वाले से जाने अंजाने में हुए सभी तरह के पुराने से पुराने पाप कर्मों के दुष्फल से मुक्ति मिलती है।
**********
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2J15J5F
EmoticonEmoticon