नवरात्रि 2020 : जानिये क्या कहता है आपके ज्वारे का रंग

नवरात्र का आज आखिरी दिन है, और इस पर्व की शुरुआत में कई भक्तों द्वारा कलश स्थापित करते समय मिट्टी में जौ भी बोए गए होंगे। ऐसे में क्या आप जानते हैं, कि आखिरी दिन इन ज्वारों का रंग आपके भविष्य की ओर इशारा करता है।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार नवरात्र पर कलश स्थापित कर मिट्टी में जौ लगाना समृद्धता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में नवरात्र के आखिरी दिन समाने आए इन ज्वारों का रंग आपके भविष्य के बारे में बताता है। लेकिन जानकारी के अभाव में लोग कई बार इन इशारों को नहीं समझ पाते, इस संबंध में पंडित शर्मा का कहना है कि ज्वारों का रंग ये भी बताता है कि भविष्य में आप को सफलता मिलनी है या आप कुछ परेशानियों में घिर सकते हैं। कुल मिलाकर जौ जिस तरह हरियाली लाते हैं, वहीं इनका रंग आपके जीवन में होने वाली चीजों का संकेत देते हैं।

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ऐसे समझें संकेत (मान्यता) ...

1.नवरात्रि पर बोए गए जौ अगर सफेद या हरे रंग के उगते हैं तो इसे एक अच्छा संकेत माना जाता है। कहते हैं कि इससे देवी मां की आप पर कृपा होगी और आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

2.नवरात्रि में बोए गए जौ का रंग यदि नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा है तो यह इस बात का संकेत है कि आने वाले साल का आधा समय तो आपके लिए अच्छा रहेगा। जबकि बाकी बचे हुए वर्ष में आपको थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

3.यदि बोए गए जौ ज्यादा मात्रा में निकले और वो एकदम हरे हो तो इसे शुभ माना जाता है। ये समृद्धता का प्रतीक माने जाते हैं। कहते हैं कि ऐसा होने पर व्यक्ति को धन प्राप्त होता है। साथ ही घर में खुशहाली आती है।

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4. माना जाता है कि यदि बोई गई जौ में अंकुर जल्दी फूटते हैं और ये काफी बड़े हो जाते हैं तो ये इस बात का संकेत है कि जल्द ही आपके जीवन में कुछ अच्छा होने वाला है और आपको आपकी उम्मीद से ज्यादा लाभ होगा।

5. यदि इस दौरान बोए गए जौ का रंग नीचे से पीला और ऊपर से हरा हो तो इसका मतलब होता है कि आपका आने वाला वर्ष मिलाजुला रहेगा। आपको सफलता और असफलताएं दोनों ही मिलेंगी।

6. वहीं नवरात्रि पर बोई जौ यदि निकलने के बाद झड़ गई हो या पीली होकर गिर रही हो तो इसे अशुभ संकेत माना जाता है। कहते हैं कि इससे व्यक्ति के जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। उन्हें धन हानि से लेकर दूसरी कई मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।

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7.जिन लोगों के यहां जौ में अंकुर देर से फूटते हैं और ये ज्यादा बढ़ नहीं पाते हैं तो माना जाता है कि व्यक्ति की जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी रहेगी। उन्हें सफलता पाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।

8. जौ देवी को चूंकिअन्नपूर्णा मां का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इन्हें किसी मंदिर में अथवा पीपल व बरगद के पेड़ के नीचे रखना शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इससे देवी मां पर आप पर कृपा बनी रहती है।

वहीं कई लोग जौ बोने को खेत्री भी कहते हैं। ऐसे में नवरात्रि पर बोए गए जौ को जितनी शुद्धता के साथ लगाया जाता है, इसे सही जगह रखने के भी कुछ नियम हैं। इसके तहत खेत्री को अष्टमी व नवमी के दिन विसर्जित किया जाता है।



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