अपरा एकादशी के दिन सावधान रहे, भूलकर भी न करें ऐसे काम

इस साल अपरा एकादशी तिथि सोमवार 18 मई को हैं। इस तिथि को अन्य तिथियों में सर्वश्रेष्ठ तिथि माना जाता है। इस एकादशी तिथि को व्रत रखकर जप-तप, यज्ञ, दान और सेवा आदि के पुण्य कार्य करने से जन्मजन्मांतरों के पाप कर्मों का दुष्फल नष्ट हो जाता है। व्रती के पूर्वजों की भटकती आत्माओं को प्रेत योनी से मुक्ति मिल जाती है। शास्त्रों के अनुसार, अपरा एकादशी तिथि के दिन भूलकर भी ये काम नहीं करना चाहिए।

अपरा एकादशी 2020 : पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

अपरा एकादशी के दिन न करें ये काम

1- जुआ खेलना एक सामाजिक बुराई है। जो व्यक्ति जुआ खेलता है, उसका परिवार व कुटुंब भी नष्ट हो जाता है। जिस स्थान पर जुआ खेला जाता है, वहां अधर्म का राज होता है। ऐसे स्थान पर अनेक बुराइयां उत्पन्न होती है। इसलिए सिर्फ ग्यारस को ही नहीं बल्कि कभी भी जुआ नहीं खेलना चाहिए।

इस उपाय से निःसंतानों को श्रेष्ठ और मनचाही संतान होती है प्राप्त

2- पान खाना- एकादशी तिथि के दिन पान खाना भी वर्जित माना गया है, इस दिन पान खाने से व्यक्ति के मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है।

अपरा एकादशी के दिन सावधान रहे, भूलकर भी न करें ऐसे काम

3- दूसरों की बुराई से बचना- दूसरों की बुराई करना यानी की परनिंदा, ऐसा करने से मन में दूसरों के प्रति कटु भाव आ सकते हैं।

4- चोरी करना पाप कर्म माना गया है, चोरी करने वाला व्यक्ति परिवार व समाज में घृणा की नजरों से देखा जाता है। इसलिए एकादशी तिथि को चोरी जैसा पाप कर्म नहीं करना चाहिए।

अपरा एकादशी के दिन सावधान रहे, भूलकर भी न करें ऐसे काम

5- एकादशी के दिन हिंसा करना महापाप माना गया है। हिंसा केवल शरीर से ही नहीं मन से भी होती है। इससे मन में विकार आता है। इसलिए शरीर या मन किसी भी प्रकार की हिंसा इस दिन नहीं करनी चाहिए।

6- एकादशी पर स्त्रीसंग करना भी वर्जित है क्योंकि इससे भी मन में विकार उत्पन्न होता है और ध्यान भगवान भक्ति में नहीं लगता । अतः ग्यारस के दिन स्त्रीसंग नहीं करना चाहिए।

***************************



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3fSrcgh
Previous
Next Post »