सोमवार या सप्ताह के सातों दिन भगवान शिव का पूजन करना, शिवाभिषेक करना, बेलपत्र, धतूरे का फल अर्पित करना आदि कर्म अति शुभ माने जातें है। इसके साथ शिवजी के कुछ ऐसे सिद्ध व सरल मंत्र भी है जिनका नियमित जप करने से साधक की इच्छाएं पूरी होने के साथ अनेक गंभीर रोगों से रक्षा भी होती है। जानें कौन से शिव मंत्रों का जप होता है अति फलदायी।
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1- ।। ॐ नमः शिवाय ।। - छोटे से दिखाई देने वाले भगवान शिव के इस मन्त्र की महिमा का गुणगान शब्दों में करना कठिन होगा, इस मंत्र का जप करने से जातक को हर प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। किसी रोग या बीमारी से पीड़ित होने पर, वैवाहिक जीवन में कलह रहने पर या परिवार में कलह रहने पर भगवान शिव के इस प्रिय मंत्र ॐ नमः शिवाय का जप करने से लाभ होता है।
2- ।। महामृत्युंजय मंत्र ।।
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ ।।
- वेद शास्त्रों में भगवान शिव के इस मंत्र को बहुत ही शक्तिशाली माना गया है, अकाल मृत्यु का भय होने पर, गंभीर रोग से पीड़ित होने पर या मोक्ष की प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जप करना बहुत फलदायी होता है। इस मंत्र का जप किसी शिवालय में शिवलिंग के समक्ष बैठकर करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं।
3- ।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
- घर में सुख-शांति व धन की कामना के लिए भगवान शिव के इस मंत्र का जप करने से लाभ होता है।
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मनोकामनाएं पूर्ति के लिए नीचे दिए शिवजी के इन बीज मंत्रों का जप हर रोज 108 बार या उससे अधिक भी किया जा सकता है।
1- ॐ जुं स:।।
2- ॐ हौं जूं स:।।
3- ॐ ह्रीं नम: शिवाय।।
4- ॐ ऐं नम: शिवाय।।
4- ॐ पार्वतीपतये नमः।।
मंत्र जप की विधि
शिव मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का ही प्रयोग करना चाहिए। माला को गोमुखी में रखकर ही मंत्र जप करना चाहिए। पूर्व दिशा में आसन बिछाकर धुप, दीपक जलाकर संकल्प लेकर मंत्र जप करने से अधिक लाभ होता है। मंत्र जप से पहले शिवलिंग का जलाभिषेक करने से मंत्र सिद्ध होने लगते हैं।
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