सूर्य मंदिर जो हैं बेहद खास, आपको चौंका देंगी इनकी मान्यताएं व वास्तुकला

भगवान सूर्य को सनातन धर्म के आदि पंच देवों में माना जाता है। वहीं कलयुग के एकमात्र दृश्य देव होने के साथ ही ज्योतिष में भी इनका खास महत्व माना गया है। ज्योतिष में जहां एक ओर यह ग्रहों के राजा कहे जाते हैं, वहीं कुंडली में ये आत्मा के कारक हैं।

भारत में अनेक देवी देवताओं के मंदिर हैं, इन्हीं में से कुछ सूर्य देव के भी मंदिर हैं, जो अपने आप में काफी खास हैं। इनमें चाहे उड़ीसा का कोणार्क मंदिर हो या उत्तराखंड का प्राचीन ‘कटारमल सूर्य मन्दिर’।

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ऐसे में आज हम आपको देश के कुछ खास सूर्य मंदिर के बारें में बता रहे हैं, जिनकी मान्यताएं व वास्तुकला आपको आकर्षित करेंगी।

1. मार्तंड सूर्य मंदिर
यह मंदिर जम्मू काश्मीर के पहलगाम से निकट अनंतनाग में स्थित है। इस मंदिर से कश्मीर घाटी का मनोरम दृश्य भी देखा जा सकता है। इस मंदिर का निर्माण मध्यकालीन युग में 7वीं से 8वीं शताब्दी के दौरान हुआ था। सूर्य राजवंश के राजा ललितादित्य ने इस मंदिर का निर्माण एक छोटे से शहर अनंतनाग के पास एक पठार के ऊपर किया था। इसमें 84 स्तंभ हैं, जो नियमित अंतराल पर रखे गए हैं। मंदिर की राजसी वास्तुकला इसे अलग बनाती है। बर्फ से ढंके हुए पहाड़ों की पृष्ठभूमि के साथ केंद्र में यह मंदिर करिश्मा ही कहा जाएगा।

मार्तंड सूर्य मंदिर

2. रनकपुर सूर्य मंदिर
राजस्थान के रणकपुर नामक स्थान में अवस्थित यह सूर्य मंदिर, नागर शैली मे सफेद संगमरमर से बना है। भारतीय वास्तुकला का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता यह सूर्य मंदिर जैनियों के द्वारा बनवाया गया था जो उदयपुर से करीब 98 किलोमीटर दूर स्थित है।

रनकपुर सूर्य मंदिर

3. उनाव बालाजी सूर्य मंदिर
मध्य प्रदेश के दतिया जिले के उनाव क्षेत्र में स्थित यह उनाव सूर्य मंदिर काफी चर्चित है। दूर-दूरे से लोग सूर्य देव के दर्शन करने यहां आते हैं। इस मंदिर से जुड़ी कई मान्‍यताएं हैं। बताते हैं कि किसी भी तरह का चर्म रोग हो। इस मंदिर में आने के बाद सब दूर हो जाता है। इसीलिए यहां भक्‍तों का जमावड़ा लगा रहता है।

उनाव बालाजी सूर्य मंदिर

4. औंगारी सूर्य मंदिर
नालंदा का प्रसिद्ध सूर्य धाम औंगारी और बडग़ांव के सूर्य मंदिर देश भर में प्रसिद्ध हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां के सूर्य तालाब में स्नान कर मंदिर में पूजा करने से कुष्ठ रोग सहित कई असाध्य व्याधियों से मुक्ति मिलती है। प्रचलित मान्यताओं के कारण यहां छठ व्रत करने बिहार के कोने-कोने से ही नहीं, बल्कि देश भर के श्रद्धालु यहां आते हैं।

औंगारी सूर्य मंदिर

5. सूर्य मंदिर, असम
असम के सूर्य प्रहर में स्‍थित यह मंदिर पॉपुलर हिल स्‍टेशन भी है। यहां पर बना सूर्य मंदिर दर्शकों को काफी आकर्षित करता है। यहां पर सूर्य देव के अलग-अलग आकृति देखने को मिलती है।

सूर्य मंदिर, असम

6. झालरापाटन सूर्य मंदिर
झालावाड़ का दूसरा जुड़वा शहर झालरापाटन को सिटी ऑफ वेल्स यानी घाटियों का शहर भी कहा जाता है। शहर में मध्य स्थित सूर्य मंदिर झालरापाटन का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। वास्तुकला की दृष्टि से भी यह मंदिर अहम है। इसका निर्माण दसवीं शताब्दी में मालवा के परमार वंशीय राजाओं ने करवाया था। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की प्रतिमा विराजमान है। इसे पद्मनाभ मंदिर भी कहा जाता है।

झालरापाटन सूर्य मंदिर

7. सूर्य मंदिर रांची
रांची से 39 किलोमीटर की दूरी पर रांची टाटा रोड़ पर स्थित यह सूर्य मंदिर बुंडू के समीप है 7 संगमरमर से निर्मित इस मंदिर का निर्माण 18 पहियों और 7 घोड़ों के रथ पर विद्यमान भगवान सूर्य के रूप में किया गया है। 25 जनवरी को हर साल यहां विशेष मेले का आयोजन होता है।

सूर्य मंदिर रांची

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