Sawan Somvar 2020 : भगवान शिव का अभिषेक, राशि के अनुसार ऐसे करें

श्रावण / सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अति फलदायी मानी जाती है। वहीं इस दौरान पड़ने वाले सोमवार का व‍िशेष महत्‍व माना गया है, क्योंकि सोमवार को भगवान शिव का ही दिन माना जाता है।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार यदि आप अपनी राश‍ि के अनुसार भोलेनाथ की पूजा करते हैं, तो श‍िवजी अत्‍यंत प्रसन्‍न होते हैं। साथ ही सावन मास में राश‍ि अनुसार भोलेशंकर की पूजा से मनोवांछित सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। तो आइए जानते हैं क‍ि क‍िस राशि वालों को भोले शंकर की कौन सी आराधना करनी चाहिए...

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जानें राशिनुसार शिव अभिषेक...

1. मेष राश‍ि :
इस राशि के जातकों को भगवान शिव का अभिषेक गाय के कच्चे दूध में शहद मिलाकर करना चाहिए। इसके बाद चंदन और सफेद पुष्‍प चढ़ाने चाहिए। इसके बाद श्रद्धानुसार 11, 21, 51 और 108 बार ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जप करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से भोले समस्‍त मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

2. वृष राश‍ि :
इस राशि के जातकों को भगवान आशुतोष का दही से अभिषेक करना चाहिए। मान्यता है कि दही से अभिषेक करने से जातक को धन, पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होने का योग बनता है। इसके अलावा सफेद फूल तथा बेलपत्र चढ़ाने चाहिए। इससे जीवन की सभी समस्‍याओं का हल म‍िलने लगता है।

3.मिथुन राश‍ि :
इस राशि के जातकों को भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए। माना जाता है सावन भर प्रत‍िद‍िन गन्‍ने के रस से अभिषेक करने से भोलेनाथ जल्‍दी ही सारी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। इसके अलावा इस राशि के जातकों को श‍िवजी को भांग, धतूरा, तथा बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ भी करना चाहिए।

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4. कर्क राशि :
कर्क राशि के जातकों को भगवान शिव शंकर का दूध में शक्कर मिलाकर अभिषेक करना चाहिए। माना जाता है कि इससे मन शांत होता है और शुभ कार्यों को करने की प्रेरणा म‍िलती है। इसके साथ ही आंक के श्वेत फूल, धतूरा और बेलपत्र भी शिवजी को अर्पित करने चाहिए। साथ ही रुद्राष्टक का पाठ करना भी शुभ होगा।

5. सिंह राशि :
इस राशि के जातकों को भोलेनाथ का मधु यानि शहद या गुड़ युक्त जल से अभिषेक करना चाहिए। साथ ही भगवान शिव को कनेर का पुष्प और लाल रंग का चंदन अर्पित करना चाहिए। गुड़ और चावल से बनी खीर चढ़ा सकते हैं। यह अत्‍यंत शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार सूर्योदय के समय श‍िवजी की पूजा करने से सभी इच्‍छाओं की पूर्ति जल्‍दी होती है। इस समय महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। इससे सेहत संबंधी सभी समस्‍याएं दूर हो जाती है।

6. कन्‍या राशि :
इस राशि के जातकों को महादेव का गन्‍ने के रस से अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा शिवजी को भांग, दुर्वा, पान तथा बेलपत्र चढ़ाएं। ‘ऊं नमः शिवाय मंत्र’ का जप करें। माना जाता है कि ऐसा करने से शीघ्र ही मनोकामनाएं पूर्ण होगी। शिव चालीसा का पाठ करना भी बेहतर होगा।

7. तुला राशि :
इस राशि के जातकों को उमापति का गाय के घी, इत्र या सुगंधित तेल या फिर मिश्री मिले दूध से अभिषेक करना चाहिए। सफेद फूल भी पूजा में शिवजी को चढ़ाने चाहिए। दही, शहद अथवा श्रीखंड का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि भगवान शिव के सहस्त्रनाम का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि तथा लक्ष्मी का आगमन होगा।


8. वृश्चिक राशि :
वृश्चिक राशि के जातकों को पंचामृत या शहद युक्त जल से भगवान त्रिपुरारी का अभिषेक करना चाहिए। लाल फूल, लाल चंदन भी शिव को चढ़ाने चाहिए। माना जाता है बेलपत्र अथवा बेल के पौधे की जड़ चढ़ाने से भी कार्यों में सफलता मिलती है। रूद्राष्टक का पाठ करना भी श्रेयस्कर रहेगा।


9. धनु राशि :
इस राशि के जातकों को त्रिनेत्रधारी का दूध में हल्दी अथवा पीला चंदन मिलाकर अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा पीले रंग के फूलों या फिर गेंदे के फूल चढ़ाने चाहिए। खीर का भोग लगाना भी शुभ रहेगा। ऊं नमः शिवाय का जप और श‍िव चालीसा का पाठ करना चाहिए।

10. मकर राशि :
इस राशि के जातकों को भोलेशंकर का नारियल के पानी से या गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से जातक को सभी कामों में सफलता मिलेगी। त्रयंबकेश्वर का ध्यान करते हुए भगवान शिव जी को बेलपत्र, धूतरा, शमी के फूल, भांग एंव अष्टगंध अर्पित करने चाहिए। उड़द से बनी मिठाई का भोग लगाने से शनि की पीड़ा समाप्त होती है। नीले कमल का फूल भी भगवान को अवश्य चढ़ाएं।


11. कुंभ राशि :
कुंभ राशि के जातकों को सावन महीने में नीलकंठ को प्रत‍िद‍िन नारियल के पानी, सरसों के तेल अथवा तिल के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा शिवाष्टाक का पाठ करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से इस राशि के जातकों के बिगड़े काम बनेंगे। साथ ही धन-समृद्धि में वृद्धि होगी। शमी के फूल पूजा में अर्पित करें। शिवजी की कृपा से यह शनि पीड़ा को कम करता है।


12. मीन राशि :
इस राशि के जातकों को सावन भर भोलेनाथ का केसर मिश्रित जल से जलाभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा शंकरजी की पूजा में पंचामृत, दही, दूध और पीले पुष्पों का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही ‘ऊं नमः शिवाय का जप करना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ करना भी शुभ रहेगा। मान्यता है कि ऐसा करने से लाइफ की सारी टेंशन दूर हो जाती है।



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