एकादशी पर इन मंत्रों के बिना अधूरी मानी जाती है श्री हरि विष्णु की पूजा

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा/अन्नदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है। इस बार 15 अगस्त 2020 को अजा एकादशी है।

अजा एकादशी भगवान विष्णु जी को अति प्रिय है इसलिए इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु और साथ में मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे अन्नदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

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पंडित सुनील शर्मा के अनुसार हिन्दू कैलेंडर की एकादशी तिथि धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह तिथि भगवान विष्णु जी को समर्पित होती है। इसलिए हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का व्रत रखा जाता है। एकादशी तिथि हिन्दू पंचांग की ग्यारहवीं तिथि होती है, जो एक माह में दो बार (कृष्ण पक्ष की एकादशी और शुक्ल पक्ष की एकादशी) आती है।

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिदिन भगवान श्रीहरि का स्मरण करने से जीवन के समस्त संकटों का नाश होता है तथा धन-वैभव की प्राप्ति होती है। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु जगत का पालन करने वाले देवता हैं।

उनका स्वरूप शांत और आनंदमयी है। माना जाता है अगर प्रतिदिन कोई मंत्र न पढ़ सकें तो कम से कम किसी खास अवसर पर या जैसे एकादशी या गुरुवार के दिन भगवान विष्णु का स्मरण कर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना फलदायी रहता है।

पंडित शर्मा के अनुसार श्रीहरि विष्‍णु के विविध मंत्र, जिनके संबंध में मान्यता है कि इनका जाप कर धन-वैभव, समृद्धि तथा जीवन के अनेक कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती हैं..

ये हैं श्रीहरि नारायण के सरलतम चमत्कारी मंत्र :-

: शीघ्र फलदायी मंत्र
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।

हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
- ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ विष्णवे नम:।।

: धन-समृद्धि के विशेष मंत्र :-

- ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।


धन लाभ के लिए रोज बोलें : लक्ष्मी विनायक मंत्र :-

दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

: विष्णु के पंचरूप मंत्र -

- ॐ अं वासुदेवाय नम:
- ॐ आं संकर्षणाय नम:
- ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
- ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
- ॐ नारायणाय नम:
- ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

: एकदम सरल और लाभदायी मंत्र :-

ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
- ॐ हूं विष्णवे नम:।



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