इस रथ का विस्तार नौ हजार योजन है। इससे दोगुना इसका ईषा-दण्ड (जूआ और रथ के बीच का भाग) है। इसका धुरा डेढ़ करोड़ सात लाख योजन लंबा है, जिसमें पहिया लगा हुआ है।
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