कालसर्प दोष के कारण, लक्षण और लाल किताब के अचूक उपाय

राहु का अधिदेवता 'काल' है तथा केतु का अधिदेवता 'सर्प' है। इन दोनों ग्रहों के बीच कुंडली में एक तरफ सभी ग्रह हों तो इसे 'कालसर्प' दोष कहते हैं। राहु-केतु हमेशा वक्री चलते हैं तथा सूर्य चन्द्र मार्गी। मानसागरी ग्रंथ के चौथे अध्याय के 10वें श्लोक में ...

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