यूं तो बृहस्पति अथवा गुरु ग्रह को शुभ ग्रह माना जाता है परन्तु यदि किसी की कुंडली में यही गुरु ग्रह वक्री हो जाए या अशुभ स्थान पर बैठा हो या किसी भी कारण से पीड़ित हो तो उस व्यक्ति के जीवन को नरक बना देता है। ऐसे स्थिति में गुरु के अशुभ असर को दूर करने के लिए ज्योतिषी कई प्रकार के उपाय बताते हैं। इनमें से कुछ उपाय वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होते हैं तो कुछ उपाय तांत्रोक्त होते हैं और तुरंत असर दिखाते हैं। यदि आप भी जन्मकुंडली में अशुभ गुरु से परेशान हैं तो इन उपायों को आजमा कर राहत पा सकते हैं।
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ये हैं गुरु की अशुभता दूर करने के उपाय
- अशुभ गुरु के असर को दूर करने के लिए सबसे पहला और सरल उपाय है, सुबह उठते ही अपने माता-पिता के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लेना। इससे न केवल बृहस्पति शुभ होता है वरन सूर्य की भी अनुकूलता मिलती है और कुंडली में राजयोग का निर्माण होता है।
- गुरु की अनुकूलता पाने का एक अन्य उपाय है ललाट पर पीले चंदन का तिलक लगाना। इससे गुरु सहित अन्य ग्रहों का भी सहयोग प्राप्त होने लगता है और व्यक्ति का भाग्य बदलने लगता है।
- बृहस्पति ग्रह को शुभ बनाने के लिए श्रीमदभागवत गीता अथवा श्रीमद्भागवत का पाठ करने की भी सलाह दी जाती है। हालांकि इसमें थोड़ा अधिक समय लगता है परन्तु इसका प्रभाव स्थाई होता है।
- गुरुवार के दिन भगवान विष्णु या उनके दशावतारों में से किसी भी एक के मन्दिर में जाना भी जन्मकुंडली के सभी ग्रहों के अशुभ असर को दूर करता है। इसके साथ ही अन्य कई तंत्र शास्त्र पर आधारित उपाय भी है परन्तु उन उपायों को करने से पहले किसी अनुभवी विशेषज्ञ की सलाह ले लेनी चाहिए अन्यथा लाभ के स्थान पर हानि भी हो सकती है।
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