सनातन धर्म के आदि पंच देवों व त्रिदेवों में से एक प्रमुख देव भगवान विष्णु को सृष्टि के पालन व संचालन का कार्य सौंपा गया है। वहीं ये भी मान्यता है कि भगवान विष्णु आसानी से प्रसन्न होने वाले देवता नहीं हैं। इसके अलावा भगवान विष्णु को ही बृहस्पति ग्रह का कारक देव भी माना जाता है।
सृष्टि के पालन व संचालन के प्रमुख देव होने के चलते पृथ्वी पर आयोजित होने वाले किसी भी मांगलिक कार्य के लिए सनातन धर्म में बृहस्पति देव, जो स्वयं विष्णु भगवान के एक रूप हैं, उनको याद किया जाता है। विशेष तौर पर शादी-विवाह जैसे बंधनों को मजबूत बनाने के लिए बृहस्पति देव की पूजा करने का विधान शास्त्रों में भी बताया गया है।
माना जाता है कि जब किसी के भाग्य में बृहस्पति का संयोग ठीक होता, तो उसके वैवाहिक जीवन में अनेक संकट आ सकते हैं। शास्त्रों में इस बात का भी वर्णन है कि ऐसे में यदि पति पत्नी संयुक्त रूप से भगवान बृहस्पति की पूजा करते हैं, तो निश्चय ही उनके जीवन पर इसका सकारात्मक असर पड़ता है और उनका रिश्ता मधुर बना रहता है।
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ऐसे में हम आज आपको भगवान बृहस्पति को प्रसन्न करने के कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिनके संबंध में मान्यता है कि इन्हें करने से दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहने के साथ ही आपसी सामंजस्य भी बना रहता है।
ऐसे समझें बृहस्पति का हमारे जीवन पर नकारात्मक असर...
: अगर आपके भाग्य में बृहस्पति शुभ नहीं है या बृहस्पति ग्रह बुरी स्थिति में है तो इसका सीधा असर आपके वैवाहिक जीवन पर पड़ता है और आपके वैवाहिक जीवन में खलल पड़ना शुरु हो जाता है।
: इतना ही नहीं, अगर आप शादीशुदा नहीं हैं और आपके भाग्य में बृहस्पति बाधित है, तो इसका असर यह होता है कि आपका विवाह संपन्न होने में बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं।
: वहीं महिलाओं के संदर्भ में कहा जाता है कि अगर उनके भाग्य में बृहस्पति कमजोर है तो उनका चरित्र खराब होने की संभावना बनी रहती है।
ऐसे करें दांपत्य जीवन खुशहाल बनाने के लिए बृहस्पति भगवान की पूजा...
अगर आप पति पत्नी हैं और आपके रिश्ते में उठापटक जारी है यानि कि पति पत्नी के बीच किसी भी बात को लेकर मनमुटाव चल रहा है तो माना जाता है कि ऐसे में आपको भगवान बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके रिश्ते का गतिरोध समाप्त होगा और आप आनंद पूर्वक गृहस्थ जीवन का सुख भोग सकेंगे।
: इसके लिए आप गुरुवार के दिन, अपने पूजा वाले स्थान पर बृहस्पति भगवान के लिए आसन लगाएं। इसके लिए आपको पीले कपड़े का आसन बिछाना होगा और उस पर भगवान बृहस्पति यानी कि लक्ष्मी और विष्णु भगवान की मूर्ति स्थापित कर गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करना होगा।
: भगवान बृहस्पति की पूजा में यह बेहद आवश्यक है कि पति और पत्नी दोनों सम्मिलित हों और खुशी मन से भगवान की आराधना करें।
: पूजा के दौरान पति पत्नी को पीले रंग के वस्त्र पहनना बहुत आवश्यक है। पीले रंग के वस्त्र पहनने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
: बृहस्पति भगवान की पूजा के दौरान सुहागन औरत को सुहाग की प्रतीक चुनरी अपने सर पर ओढ़ना चाहिए, तो वहीं पति को कोई कपड़ा अपने कंधे पर अवश्य रखना चाहिए।
: बृहस्पति भगवान की पूजा के दौरान देसी घी का दीपक जलाना भी बहुत शुभ होता है। जहां तक संभव हो इस दिए में केसर का एक धागा अवश्य डालें।
: अगर पति पत्नी के बीच अत्यधिक विवाद होते हैं, तो पूजा के दौरान लाल रंग के धागे या मौली को भगवान के सामने अर्पित करें और इस मौली को दोनों पति पत्नी अपने दाहिने कलाई पर बांध लें, इससे दोनों के बीच मनमुटाव कम होंगे और रिश्ते मधुर बनेंगे।
: अगर पति पत्नी के बीच में कटुता एक सीमा से भी ज्यादा बढ़ गई है, तो आपको लगातार 11, 21 या 51 गुरुवार का व्रत रखकर भगवान
विष्णु को प्रसन्न करना चाहिए, जिससे आपके रिश्ते सामान्य हो सकें।
: गुरुवार यानि बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु को भोग के रूप में भीगे हुए चने और मुनक्के चढ़ाने से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं, और आपकी सभी मनोकामना को पूरा करते हैं।
: बृहस्पतिवार के दिन अगर ब्राम्हण को पीले रंग का अन्न, दान के रूप में दिया जाए, तो भी यह बेहद कारगर माना जाता है दाम्पत्य की स्थिरता बनाये रखने में।
इन उपायों को अपना कर आप अपना बिगड़ा हुआ बृहस्पति सुधार सकते हैं और सुखद वैवाहिक जीवन का आनंद ले सकते हैं।
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