मूल नक्षत्र में जन्मे बालक का कैसा होता है स्वभाव और भविष्य

नक्षत्र मंडल में मूल का स्थान 19वां है। 'मूल' का अर्थ 'जड़' होता है। राशि और नक्षत्र के एक ही स्थान पर उदय और मिलन के आधार पर गण्डमूल नक्षत्रों का निर्माण होता है। इसके निर्माण में कुल छह 6 स्थितियां बनती हैं। इसमें से तीन नक्षत्र गण्ड के होते हैं ...

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