सनातन धर्म के आदि पंच देवों में से एक महादेव को त्रिदेवों में भी स्थान प्राप्त है। ऐसे में संहार के देवता भगवान महाकाल यानि शिव के प्रमुख पर्वों में से एक महाशिवरात्रि इस बार 11 मार्च 2021 को पड़ रही है। यूं तो शिवरात्रि पर महादेव की पूजा का विधान हर कोई जानता ही है, एक ओर जहां वे आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं, वहीं उनका रौद्र रूप भी किसी से छिपा नहीं है।
ऐसे में महाशिवरात्रि व्रत के दिन भारत में अलग-अलग जगहों पर स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों की पूजा का भी विशेष विधान है। कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति बेल के पत्तों से शिव जी की पूजा करता है और रात के समय जागकर भगवान के मंत्रों का जप करता है, उसे भगवान शिव आनन्द और मोक्ष प्रदान करते हैं।
मान्यता के अनुसार सृष्टि का प्रारंभ महाशिवरात्रि से ही हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग (जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है) के उदय से हुआ। इसी दिन भगवान शिव का विवाह भी देवी पार्वती के साथ हुआ था। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
वहीं शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि के खास मौके पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने से हर प्रकार के दोषों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही भगवान शिव का हमेशा भी आर्शीवाद बना रहता है। आइये जानते हैं इस महाशिवरात्रि 2021 में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का शुभ मुहूर्त...
जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त
महानिशीथ काल- 11 मार्च को रात 11 बजकर 44 मिनट से रात 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 11 मार्च को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 12 मार्च दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक।
जलाभिषेक करने के लिए सामग्री...
दूध, दही, शहद, घी, चंदन, शक्कर, गंगाजल, बेलपत्र, कनेर, श्वेतार्क, सफेद आखा, धतूरा, कमलगट्टा, पंचामृत, गुलाब, नील कमल, पान, गुड़, दीपक, अगरबत्ती, आदि।
शिवलिंग पर जलाभिषेक करने की विधि...
इसके तहत सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं। इसके बाद पंचामृत चढ़ाएं। फिर दूध, दही, शहद, घी, शक्कर चढ़ा दें और फिर गंगाजल से स्नान करा कराएं। इसके बाद शिवलिंग में चंदन का लेप, बेलपत्र, कनेर, श्वेतार्क, सफेद आखा, धतूरा, कमलगट्टा, गुलाब, नील कमल , पान आदि चढ़ा दें।
जलाभिषेक करते समय भगवान शिव के मंत्र या फिर सिर्फ 'ऊं नम: शिवाय' का जाप करते रहें। इसके बाद दीपक, अगरबत्ती जलाकर कर आरती कर दें। आरती करने के बाद भगवान शिव के सामने अपनी भूल-चूक के लिए माफी भी मांग लें।
महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ त्र्यम्बकंयजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात्।।
इसके अलावा पंडित सुनील शर्मा के अनुसार ये भी माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन राशिनुसार कुछ उपाय करके आपको शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है। तो आइये जानते हैं महाशिवरात्रि के दिन राशिनुसार क्या करें?
1. मेष राशि- इस राशि के लोग गुलाल से शिवजी की पूजा करें, साथ ही शिवरात्रि के दिन ॐ ममलेश्वाराय नमः मंत्र का जाप करें।
2. वृषभ राशि- इस राशि के लोग दूध से शिवजी का अभिषेक करें और ॐ नागेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें।
3. मिथुन राशि- इस राशि के लोग ॐ भुतेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें और गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करें।
4. कर्क राशि- इस राशि के लोग शिवजी के द्वादश नाम का स्मरण करें और पंचामृत से शिवजी का अभिषेक करें।
5. सिंह राशि- इस राशि के लोग नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और शहद से शिवजी का अभिषेक करें।
6. कन्या राशि- इस राशि के लोग शिव चालीसा का पाठ करें और शुद्ध जल से शिवजी का अभिषेक करें।
7. तुला राशि- इस राशि के लोग शिवाष्टक का पाठ करें और दही से शिवजी का अभिषेक करें।
8. वृश्चिक राशि- इस राशि के लोग ॐ अन्गारेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें और दूध और घी से शिवजी का अभिषेक करें।
9. धनु राशि- इस राशि के लोग शिवजी का दूध से अभिषेक करें साथ ही ॐ समेश्वरायनमः मंत्र का जाप करें ।
10. मकर राशि- इस राशि के लोग अनार के रस से शिवजी का अभिषेक करें और शिव सहस्त्रनाम का उच्चारण करें।
11. कुंभ राशि- इस राशि के लोग दूध, दही, शक्कर, घी, शहद सभी से अलग अलग शिवजी का अभिषेक करें और ॐ शिवाय नमः मंत्र का जाप करें।
12. मीन राशि- इस राशि के लोग मौसम के फल से शिवजी का अभिषेक करें और ॐ भामेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें।
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